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Sneha Dhanodkar

Romance

4.5  

Sneha Dhanodkar

Romance

एक टुटा हुआ रिश्ता

एक टुटा हुआ रिश्ता

5 mins
325


निलय को अभी तक वर्क फ्रॉम होम की अनुमति नहीं मिली थी जबकि रिया घर से ही काम कर रही थी। सुबह जाते जाते फिर निलय रिया से लड़ाई करके गया था। उसका कहना था कि रिया का घर पर रहना या ना रहना बराबर ही है क्योंकि वो घर पर रह कर भी कुछ काम नहीं करती। जबकि रिया का कहना था कि निलय को उसके काम से फुर्सत मिले तो उसे समझ में आएगा कि रिया घर के लिये क्या क्या करती है। दोनों की सुबह सुबह हुई लड़ाई से दोनों का ही मन ख़राब हो गया था।

रिया और निलय ने आठ महीने पहले लव मैरिज की थी, अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर। दोनों ही कामकाजी थे और अपने अपने काम में बहुत परफेक्ट होने के साथ उसके लिये बहुत महत्वाकांक्षी भीं थे। दोनों ऑफिस की एक मीटिंग के दौरान ही मिले थे और आज जिस बात के लिये दोनों लड़ रहे थे वही बात दोनों को उस समय एक दुसरे के नजदीक लायी थी जो था दोनों का अपने काम क प्रति प्यार और जूनून।

दोनों पहले फ़ोन पर बात करते थे फिर धीरे धीरे मिलने लगे। साल भर लव रिलेशन में रहने के बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। घर वालो को मंजूर नहीं था तो दोनों ने कोर्ट में रेजिस्टर्ड करके शादी कर ली। और एक हो गए। शुरू के दो महीने तो सब ठीक था। दोनों एक दूसरे को और एक दूसरे के काम को रेस्पेक्ट देते थे लेकिन ज़ब दोनों को प्रमोशन मिला तो दोनों की दुनिया बदल गयी।

चुकी दोनों बहुत महत्वाकांक्षी थे दोनों ने अपने प्रमोशन को साथ में सेलिब्रेट किया लेकिन मुसीबत तब हुई जब निलय सुबह की और रिया दोपहर की शिफ्ट में काम करने लगे। दोनों का मिलना भीं दूभर हो गया था। एक नए रिश्ते में जहाँ समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था दोनों के पास अब वही नहीं था। दोनों अपने काम को लेकर इतने सजग थे की दोनों एक दूसरे से दूर कब हो गए इसका भीं उन्हें ख्याल नहीं आया।

जब निलय काम पर जाता तो रिया नहीं उठती क्योंकि वो देर रात तक काम करके आती थी और ज़ब रिया चली जाती तो निलय घर आता था। और वो रिया के घर आने के पहले ही सो जाता क्योंकि उसे सुबह जल्दी उठना होता। दोनों की जिन्दी काम के बीच सिमट सी गयी थी। नई नई शादी के रोमांस जैसा उनकी शादी में कुछ नहीं बचा था। उनकी बाते रोज लड़ाई पर खत्म हो जाती। दोनों को एक दूसरे की बुराई के अलावा कुछ नजर आ रहा था। दोनों तलाक लेने तक की सोच चुके थे और एक दूसरे का चेहरा भीं नहीं देखना चाह रहे थे।

इसी बीच आये इस कोरोना वायरस ने उनकी जिंदगी में भूचाल ला दिया था। अब सभी को घर से काम करने के आदेश थे तो रिया तो पहले घर पर थी कल से निलय को भीं घर ही रहना था। अगले दिन सुबह जब निलय उठा तो उसने देखा रिया अब भीं सो रही थी। उसने अपने लिये कॉफी बनाई तो उस लगा रिया उठ गयी उसने अनायास ही उसके लिये भीं कॉफ़ी बनाकर उसके कप मे टेबल पर रख दी।

रिया आयी तो देखा निलय गैलरी में खड़ा कॉफ़ी पी रहा था और उसकी कॉफ़ी बनी हुई है उसे बड़ा आश्चर्य भीं हुआ पर ऐसा भीं लगा की जैसे दिल के एक कोने में किसी ने नई दस्तक दी।. वो सहसा पुराने दिन याद करने लगी . ज़ब वो और निलय कैसे कॉफ़ी पिने के लिये मिला करते थे।

उसने अपनी यादो में कॉफ़ी का एक घूंट लिया और फिर यादो में खो गयी . कितना प्यार करता था निलय उससे। उसकी हर बात मानता था। उसमें सिर्फ अच्छा ही लगता था सब उसे और अब देखो।. बस यही सोचते हुए। ब्रेकफास्ट बनाने में लग गयी। उसने अपनी ही धुन कब निलय का फेवरेट आलू पराँठा और मसाला दही बनाया उसे ध्यान नहीं। बना कर टेबल पर रख कर वो नहाने चली गयी।

निलय ज़ब टेबल पर आया तो गरम गरम आलू पराठे और दही देखकर उसके मुँह में पानी आ गया। वो याद करने लगा कैसे रिया उसे अपने हाथो से खिलाती थी . और कितना प्यार करती थी। और अब। पर ज़ब पराँठा चखा तो फिर रिया की प्यार भरी यादो में खो गया।

नाश्ता कर वो फिर अपने काम में लग गया। रिया खाने की तैयारी कर अपने काम में लग गयी। दोनों एक ही घर में चुप चुप से थे। कनखियों से एक दूसरे को निहार रहे थे। मानो अपने आप से पूछ रहे हो। कहा गए वो प्यार करने वाले पागल पंछी। जो कितनी भीं व्यस्तता हों एक दूसरे के लिये समय निकाल लेते थे। जिनका एक दूसरे के बिना ना तो दिन होता था ना रात।

जो हर छोटी बड़ी बात एक दूसरे से बताते थे। जो हर वक़्त साथ रहने की कोशिश करते थे। रूठते थे मनाते थे, प्यार करते थे, रुलाते थे समझाते थे, एक दूसरे का चेहरा देख बात समझ जाया करते थे। आज यूँ एक दूसरे के सामने हैं पर चुप हैं, एक दम खामोश। जैसे दोनों के दिल बात कर रहे हों और नजरें खामोश सी गलबाहें डाल बस एक दूसरे को निहार रही हों।

निलय ने रेडियो चालू किया तो उस पर गाना बज रहा था। दो दिल। मिल रहे है। दोनों एक दूसरे को घूर रहे थे। शायद अब शब्दों की जगह नजरो ही नजरो में शिकायत हो रही थी। मानो रिया निलय से कह रही थी कहाँ गया मुझे बेइंतहा चाहने वाला निलय। और निलय कह रहा हो यही तो है तुमने ठीक से देखा ही नहीं।

गाने के बोल दोनों की बातें कह रहे थे। जैसा है इधर का नजारा, वैसा ही उधर का समां। बस यही हाल दोनों के दिल का भी था। बस चुपचाप दोनों नजदीक आये, रिया की आँखों से एक आंसू छलका और वो निलय के होंठो ने छुआ। और बस उस गाने के साथ चुपके चुपके दो दिल फिर मिल गए। इस कोरोना के क्वारंटाइन ने एक टूटा हुआ रिश्ता जोड़ दिया और दो प्यार करने वाले दिलों को फिर मिला दिया।


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