माँ
माँ
जिन्दगी की मुस्कान हो तुम,
दिल की आवाज हो तुम।
आँखों में बसे ख्वाब हो तुम,
मंजिल की पहचान हो तुम ।
संघर्ष में रोशनी की दीवार हो तुम,
गर्मी में पेड़ों की छाँव हो तुम ।
ममता की भण्डार हो तुम,
पृथ्वी पर देवी की अवतार हो तुम ।
इनकी ममता कभी कम नही होती है,
कोई साथ दे या ना दे इनकी दुआ साथ देती है ।
लफ्जों में बयाँ कैसे करु,
इनसे ही लफ्जों की शुरुआत होती है ।
आँखों के पलकों पर बिठाये रखती है,
गम में भी खुशीओं का एक एहसास रखती है ।
नौ महिनें कष्ट को सहकर हर पल पास रखती है,
जी लो जिंदगी माँ के साथ,
माँ ही दुनियाँकी सबसे बड़ी माँ होती है ।