दोस्ती
दोस्ती
घड़ी जब याद आती है,
हमें बहुत सताती है,
आँखें नम हो जाती है,
साँसें थम सी जाती है।
जिंदगी का ख्वाब देखा था साथ-साथ,
पल भर में सिमट गया सब एहसास।
हर घड़ी अब रुलाती है,
तेरी याद बहुत आती है।
छिपा है कहाँ जो दोस्ती नजर नहीं आती है,
मेरे दिल की धड़कने तुझे बुलाती हैं।
समेट लिया यादों को हर पल के लिए,
जिंदगी जी लूँ तेरे नाम के लिए।
तेरे हर ख्वाब को अपना बना लिया,
रास्तों पर तुमने चलना बता दिया।
इस जहाँ में नाम रोशन करुँगा तेरा,
दिखा दूँगा इस जमाने को कि तू दोस्त है मेरा।