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Anand Yadav

Drama Thriller

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Anand Yadav

Drama Thriller

बेटी

बेटी

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बेटी तो एक प्यारा सा खूबसूरत एहसास होती हैं,

निश्छल मन की और मानों परी का सवरूप होती हैं।


कड़कती धूप में मानों ठंडी हवाओं की तरह,

नाजुक सी अंदर से और शक्ति का स्वरूप होती है।


घर की रौनक, हँसी और उजाला होती है,

अन्धकार में भी खिलखिलाती किरण होती है।


माँ का अक्स और पिता की शान होती है,

असंभव सी समस्या का समाधान होती है।


फिर भी कुकृत्य का शिकार होती है,

अनजाने घर की भी वो ताज होती है।


कभी माँ, बहन, तो कभी बेटी होती है,

संसार को आगे बढ़ाने की शुरुआत होती है।


फिर भी देखो रोज शर्मशार होती है,

औरत को भी बेटी की जरूरत आजकल नागवार होती है।


तभी तो गर्भपात और बेटे की चाह होती है,

मेरी नज़र में तो बेटी सितारा और अभिमान होती है।


बेटी तो एक प्यारा सा खूबसूरत एहसास होती है,

बेटी तो एक प्यारा सा खूबसूरत एहसास होती है।।


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