आँसू
आँसू
जाने क्या-क्या बह जाते हैं
आँखों से
आँसुओं के साथ
गम, दुःख, पीड़ा
ख्वाब तमाम,
जीने की इच्छा
नाराजगी
सपने अधुरे
उम्मीदें, आशाएँ
दिल का गुबार,
कितनी यादें
जाने क्या
हासिल कर लेंगे हम
इन आँसुओं के बदले
हाँ वजह से बहते हैं
और अक्सर बेवजह भी
इनके साथ
सब कुछ बह जाता है,
रह जाता है शेष
एक सुकून, शांति, ख़ालीपन
उदासी कभी कभी
रिक्तता
और फिर शुरुआत होती है,
भावनाओं के भँवर में फँसने की
उलझने की
यही तो जिंदगी है न
हर बार जीते हैं
हर बार मरते हैं
और आँसुओं के बहाने
खुद को खाली करते रहते हैं।।