होड़
होड़
जिंदगी की होड़ में इस तरह दौड़ रहे हैं
जिना तो चाहते है, पर हर पल मर रहे हैं।
रुक ना जाये साँसों का सिलसिला,
साँस लेने के व लिये,
साँसों की कीमत अदा कर रहे हैं।
बड़ा गजब का खेल बन गयी है जिंदगी,
बिखरे पड़े हैं फँसे इधर उधर,
उन्हें समेट रहे हैं।