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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance

वसंत मधुमास

वसंत मधुमास

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जैसे वसंत धरती को धानी चादर से ढक रखा है,

ठीक वैसे ही तुमने मेरे जीवन को अपनी प्रेम रूपी चादर से ढक रखी हो।

जैसे सरसों के पीले -पीले पुष्प खिलकर खेतों में नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं,

ठीक वैसे ही तुम मेरे जीवन रूपी खेत में खिलकर

मुझमें भी में भी नई ताजगी का संचार कर रही हो ।

जैसे आंखों के सामने वसंत का सौंदर्य रूपी मधुमास बीत रहा है ,

ठीक वैसे ही तुम्हारे साथ बिताए गए हर पल का मुझ में भी एहसास बीत रहा है।

जैसे किसान धानी चादर में लहलहाते अपने खेत को देखकर खिलखिला उठता है,

ठीक वैसे ही मैं तुझे भी देखकर खिलखिला उठता हूं। 

जैसे यह वसंत प्रकृति का अद्भुत मधुमास है,

वैसे ही मेरे दिल में भी तुम्हारे लिए सच्चे प्रेम का हर पल एहसास है।

 हम भले ही फिलहाल एक दूसरे से दूर हैं!

 मगर हमारी एहसास एक- दूसरे के पास है।



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