सेना के वीर अभिनन्दन-पार्ट-२
सेना के वीर अभिनन्दन-पार्ट-२
सारे विश्व की रणनीति पाकिस्तान के खिलाफ हो गई
जब अभिनन्दन को बंधक बनाने की खबर विश्व में फ़ैल गई
रणनीतियाँ, कूटनीतियाँ ऊँचे सत्तर पर होने लगी तैयार
पाक फड़फड़ाता रह गया, बंधक की रिहाई के लिए होना पड़ा तैयार
लोगों का हजूम पहुंच गया वागा बॉर्डर जश्न मनाने
अपने वीर सपूत का तहे दिल से अभिनन्दन करने
पल पल हर पल लोगों में जिज्ञासा बढ़ती ही गई
सुबह से दोपहर, दोपहर से लो रात हो ही गई
दिल देशवासियों के धक् धक् धड़कने लगे
पाक कोई चाल न चले, यह सभी सोचने लगे
प्रश्न कतारों में दिल दिमाग में उभरने लगे
क्या हो रहा था उस पार, सब कल्पना करने लगे
कब, कैसे लौटेगा सवदेश वह वीर योद्धा हमारा
क्या वाकई में बिना शर्त पाक उससे रिहा करेगा
लोग क्या, परिंदे भी थक हार के घोंसलों में लौट गए
दस बज गए रात के वीर अभी कहीं न दिखे
तभी हवा ने रुख बदला और फ़िज़ाएं महकने लगी
हर नज़र वागा के द्धार पर टक-टक टिकने लगी
वातावरण महक गया करोड़ों दिल चहक उठे
सरज़मीं पर कदम रखते ही, बंधक भावुक हो गए
वाह! वागा बॉर्डर का क्या नज़ारा था
जहाँ शान से वीर अभिनन्दन खड़ा हमारा था
क्या आन थी ,क्या भान थी, करिश्माई उनकी शान थी
अनचहित फैसले से पाक की सेना कुछ परेशान थी
आदर - सम्मान सहित अभिनन्दन सेना संग चले गए
पाक के सब मंसूबों पर पानी फेर कर सब चले गए
सपूत के कदम रखते ही अपनी ख़ुशियाँ चालू हुई
और बॉर्डर के उस पार से फिर गोलाबारी शुरू हुई
दुश्मन के जिन हाथों ने किया था जिस वीर को चोटिल
सकते में आया होगा आखिर उसने क्या किया हासिल
युद्ध का माहौल बना पड़ा है उस तरफ पाक में
सारी दुनिया से अलग थलग पड़ा हुआ है खाक में
अरे सुधर जा पाक यह तो बस एक झलक थी
जो ठान ली भारत ने खबर नहीं रहेगी फ़लक की
यह नवीन भारत है अच्छे से तुम सबक ले लो
परख कूटिनीति हमारी सही फैसला दिमाग से लो
नहीं चाहते हैं युद्ध हम किसी भी हाल में
पर तू क्या चाहता है, कितने ही सवाल हैं
छोड़ दे गद्दारों की रणनीति ख़त्म कर आतंकवाद
सुख से रहने दे दुनिया को मत करो खड़े विवाद
कब तक ऐसे खून बहाओगे ए मानव धरती के
कुछ तो सुधरो मानवता की खातिर ए दानव धरती के।