कब होगी मुलाक़ात
कब होगी मुलाक़ात
बीत गए बीत गए,
दिन पर दिन बीत गए,
कैसी यह बात है,
कि बीते हुए दिनों की हर बात याद आए। १
बीत गए साल पर साल,
फिर कई साल,
हम सबकी दोस्ती है इक मिसाल,
यादें हैं बेमिसाल। २
दोस्त मिलते हैं,
दोस्त बिछड़ते हैं,
रह जाती हैं तो सिर्फ यादें,
रह जाती हैं तो सिर्फ बातें। ३
समस्त गुरुजनों से मिली अमूल्य शिक्षा,
कभी भी न भूलें उनकी दी महाशिक्षा,
विद्यार्थियों के सफलता की करते हैं आकांक्षा,
उनके साथ भेंटवार्ता की है प्रतीक्षा। ४
ढूंढ़ती रहेंगी पुराने दौर के लिए ये निगाहें,
उन सुनहरी पलों को हम सभी चाहें,
फिर मिलेगी कब हमारी राहें,
तब तक भरते रहेंगे आहें। ५
कुछ दोस्तों बंधुओं का हो जायेगा संधान,
कुछ दोस्तों का हमेशा रहेगा अनुसन्धान,
समय ही कर सकता है समाधान,
ये काया तो जीवन के लिए है केवल एक परिधान। ६
अपने सभी दोस्त बंधुओं से एक मुलाक़ात की है गुज़ारिश,
इन रिश्तों में है कुछ कशिश,
सब्र की हो रही है आज़माइश,
वक़्त से कर रहा हूँ यही फरमाइश।। ७