शब्दों की उड़ान
शब्दों की उड़ान
लोकतंत्र है यहां बोलने की आज़ादी सबको हो,
शब्दों को मान मिले यह खुद्दारी सबमें हो,
लोकतंत्र के माध्यम से ऐसे अल्फाज़ ना बोले जाएं,
कि देश की गरिमा शर्म से झुक जाए,
बातों ही बातों में दंगा कोई भड़क जाए,
लोकतंत्र के नाम पर कई परिवार अपाहिज हो जाएं,
मिली है अगर आज़ादी तो शब्दों का सम्मान करो,
बोलो दिल की बात मगर देश हित का ध्यान रखो,
शब्दों की उड़ान, हर आँधी से टकरा सकती है,
है इस पतवार में इतना दम, नौका पार लगा सकती है,
शब्दों में होती है वह ताकत जो प्यार भी बरसाती है,
नफ़रत भी फैलाती है, हर मुश्किल भी सुलझाती है,
नफ़रत को रौंदो और प्यार का आगाज़ करो,
शब्दों को बोलो किन्तु देश के मान की आन रखो।