सच्चाई की डगर
सच्चाई की डगर
सच्चाई की डगर पर चलना नहीं होता है आसान,
सच्चाई को दबाकर यहां झूठ का होता है सम्मान,
कदम कदम पर कांटों का बिछा हुआ रहता जाल,
पर जो कांटों पर चलता है वही तो बनता है महान,
सच रखता है संयम और झूठ सर्वदा मचाता शोर,
पर सच्चाई कभी मिटती नहीं मजबूत इसकी डोर,
जब सच्चाई की राह चलते दुश्मन बनते हैं हजार,
सच्चाई की राह ले जाती है सदा प्रकाश की ओर,
कड़वी गोली जरूर है सच्चाई पर देती है मिठास,
सच्चाई की राह चलो सदा चाहे करे कोई परिहास,
सच्चाई की डगर चलते हुए पैरों में पड़ जाते छाले,
जो छालों की पीड़ा सह जाता वही रचता इतिहास,
हर कष्ट सहता जो झूठ के आगे कभी झुकता नहीं,
एक दिन झूठ को हराकर जीत हासिल करता वही,
इतिहास गवाह हमारा सत्य सदैव जीवित रहता है,
सदा से ही सच झूठ के जंग में सच कभी हारा नहीं।
