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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Abstract

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

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बरसाती संगीत

बरसाती संगीत

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मुझे बरसात का मौसम सुहाना लगता है 

जीत लेता है दिल छमाछम संगीत लुभाने लगता है 


गर्म गर्म गर्मी से जब दहकती हैं हवाएं 

भरी जेठ में जब झुलसाती हैं सदाएं 


मुझे बरसात का मौसम सुहाना लगता है 

जीत लेता है दिल छमाछम संगीत लुभाने लगता है


नई आशाओं के प्रस्फुटित होते देख कर अंकुरण

सभी के हृदय सुगबुगाते देख भंडारों के संभरण


अन्न जल से लदे खेत खलिहान कितना सुहाना लगता है 

हृदय फिर से संतुष्टि का सघन सपन सजाने लगता है 


मुझे बरसात का मौसम सुहाना लगता है 

जीत लेता है दिल छमाछम संगीत लुभाने लगता है


 मन की मयुरी रह रह उछलती बल्लियों 

दिल खिल खिला कर मल्हार सुनाने लगता है 


अनचाहे ही मन किसी को सताने लगता है 

लेकर चाय पकोड़े घर बुलाने लगता है 


मुझे बरसात का मौसम सुहाना लगता है 

जीत लेता है दिल छमाछम संगीत लुभाने लगता है


हर तरफ हरियाली की चादर फ़ैली होती है 

रात पूर्णिमा की चंदा को लेकर बरसातों में

 

झींगुर के संग कब्बाली कहने लगती है 

ऐसे में एकाकी बिस्तर चुभने लगता है 


मुझे बरसात का मौसम सुहाना लगता है 

जीत लेता है दिल छमाछम संगीत लुभाने लगता है.


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