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Bikramjit Sen

Abstract

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Bikramjit Sen

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इधर उधर, जाने किधर

इधर उधर, जाने किधर

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इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर


इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर


सदियां बीत जाएँ

युग बदल जाएँ

सदियां बीत जाएँ

युग बदल जाएँ

तू ही मेरा सब कुछ

तुझी में खो जाएँ


इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर


इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर


मिथ्या जगत में

सुकुन तू एहसास

मिथ्या जगत में

सुकुन तू एहसास

भावनायें मेरी

मेरे तू बहुत पास 


इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर


इधर उधर, जाने किधर

छुपा हुआ है तू मगर

मैं ढूँढ़ लूँगा तुझको

इस बात की है मुझको खबर.


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