हार से जीत
हार से जीत
मुकाबले जीतिए,
ना जीते तो,
हौसला रखिये,
हार इक सबक है,
कल की जरा और,
तैय्यारी रखिये।
खुदा को खोजेंगे,
तो दूर तलक,
नजर नहीं आयेगा,
वह जो ज़रा,
मुश्किल में है,
उनको थामिए,
उन्हीमे नूर,
देखा कीजे।
मंदिरें-मस्जिदें,
पाकीजगी की,
हकदार हैं बहुत,
इक अदद दिल के,
आप बादशाह हैं,
इसको पाकीजा रखिये।
घर के आँगन में,
थोड़े दाने-पानी का,
मर्तबान रखिये,
भूख कमतर हों,
प्यास को आसां कीजे।
यह परिंदे हैं कोई,
तमगा तो नहीं देंगे,
चहचहाट में ही सही,
उनकी दुआ का,
सामाँ रखिये।
मुकाबले जीतिए,
ना जीते तो,
हौसला रखिये।