सुर
सुर
सुनते हैं सुरों में वह ताकत होती है जो बरसात करा देती है, द्वीप प्रज्वलित कर देती है। हो सकता है यह मिथ्या हो पर सुकून से सुनिए, यह बड़ा सुकून देती है।
इतनी खूबसूरत
जिंदगी बना दिया तुमने।
मैं देखता रहा और
गज़ल बना दिया तुमने।।
सुरों में इतनी जान होती है
इसका सानी बना दिया तुमने।
सुकून जाने कहाँ खोजता था
एक डुबकी में गंगा नहा दिया तुमने।।
ताल चाहें तो मिलके लय को संगत दे
शिद्दतों को नया जामा सिला दिया तुमने।
कल तक समझता था जिनको किताबी पन्ने
पढ़े गए तो नयी नज्म सा गुनगुना दिया तुमने।।
तान के तार भी सरगमो से रंगे जाते हैं
शख्सियत से सितार की मिला दिया तुमने।
फिक्र होती थी भीगने की बरसातों में
बिना बरसात, अंतर को भिगा दिया तुमने।।
तुम्हें ना सुनता तो भटक जाता भरी दुनिया में
सुरों से मेरा इक नया रिश्ता बना दिया तुमने।
माफ कर देना कि जो खुदा तुम्हें सजदा ना करूँ
इक नए पीर से मिला दिया तुमने।।
फिक्र होती थी भीगने की बरसातों में
बिना बरसात, अंतर को बिगा दिया तुमने।
इतनी खूबसूरत जिंदगी बना दिया तुमने
मैं देखता रहा और गज़ल बना दिया तुमने।।