कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
भूल जा सब कुछ, साथ जो निभाना है !
लड़ना-झगड़ना, हँसना-हँसाना यूँ ही
रोना-धोना, रुठना-मनाना जारी रहे !
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
जिंदगी और कुछ भी न,हीं चंद हँसी लम्हें !
बस तेरी-मेरी कहानी दो पल की
सोच-समझ के हँसी-खुशी बितानी है !
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
तेरी अकड़, मेरा गुस्सा, भुल जाना है !
तुम चलो दो पग, दो पग हम चलें
बोलो, फिर किस बात का झगड़ा है ?
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले
चलो गलतियों को हमें सुधारना है !
तेरा है ना, मेरा है, सब कुछ हमारा हैं
तो चले अब थोड़ा सा रोमान्स करें !