मुहब्बत
मुहब्बत
उसकी एक मुस्कुराहट ने
मुझ नाचीज को
रब से मिला दिया।
मगर उसकी नाराजगी का
एहसास होते ही
मैंने उसके नाम लिखे
हर खत को जला दिया।
उसकी एक मुस्कुराहट ने
मुझ नाचीज को
रब से मिला दिया।
मगर उसकी नाराजगी का
एहसास होते ही
मैंने उसके नाम लिखे
हर खत को जला दिया।