मैदान
मैदान
नए क्षितिज की किरणें
फैलती है खेल के मैदान में
किसी की हार किसी की जीत
होती है शान में।
जब खिलाड़ी खेलता है
अपने देश की शान बढ़ाता है
दिन रात मेहनत करके
अपने देश की शान बढ़ाता है।
सुनता है सबकी कहानी
यह हरा भरा मैदान ताल
रोंद-रोंद कर यहां खिलते हैं
होते हैं खिलाड़ी मालामाल।
लहराते हैं अपने देश का झंडा
तब होता है सबको उन पे गर्व
करते हैं कोशिश देश के खातिर
लाते हैं खिलाड़ी नया सा पर्व।
मैदान की आभा होती है खिलाड़ी से
टपकता पसीना खिलाड़ी का
सगे संबंधी से भी बढ़कर के
मैदान है प्यारा प्यारा जवानों का।