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Meenakshi Kilawat

Inspirational

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Meenakshi Kilawat

Inspirational

फागुन में मैं तो हुई दीवानी

फागुन में मैं तो हुई दीवानी

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फागुन में मैं तो हुई दीवानी

देखो कान्हा संग खेलूँ होली

प्रेम रंग का चढ़ा ऐसा जादू

बसंत के रंग में सब दुःख भूली !!


मस्त मधुर सुहाना मौसम

मिले हमजोली सहज मनभावन

प्रीत रंग का फैले दामन में सौरभ 

भर लूँ अबीर गुलाल से ये दामन !!


झूम रही है पेड़ो की डालियाँ

महक रही है फूलों की बगिया

नव रंगों पर वारी-वारी मैं जाऊँ

गले मिले हमजोली सखियाँ !!


अंबिया महका, पलाश महका

महका जगत का है सारा नज़ारा

कोयल गीत गाये बाजे ढोल ताशे

जन-मन में उमंगों का छाया है सवेरा !!


राग अनुराग से खेले यह होली

मन के मिटा दे हम द्वेश भाव को

भाईचारा यह चमके गगन में

हिल मिल समझ ले प्रेमभाव को !!


बिखरी बिखरी छटा है देश की

दूरियाँ मिटा दो कारी-कारी

प्रकृति ने भी कर ली पतझड़

गले लगाकर अब खेलो होरी !!



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