मेरे प्रियतम
मेरे प्रियतम
जहां कहीं कभी भी तुम हो मेरे प्रियतम
आ भी जाओ बनकर अब मेरे हमसफर।।
खिले फूलों की खुशबू सा महकता अंगअंग
बस अब कर जाओ ह्रदयमे हरदम बसेरा।।
कोई कमी हुई तो घोसलें में रहे चहचहाकर
हुई दरकार कोई चलकर दिखाउंगी कांटो पर।।
देखो गिरकर तुम उठना उठकर फिर चलना
वक्त के साथ में रहना एक दूजे से प्यार करना।।
खुद को ही मैं कैसे समझाऊँ मेरे प्रियतम
तुम हो मेरे खास अपने दिल पे ना करो सितम।।
पलकें बिछाकर रखूंगी खुद को सजाऊंगी
तेरे ख्यालों में सपनो में खुशियों में जिऊंगी।।