डैड आएंगे खिलौने लेकर
डैड आएंगे खिलौने लेकर
सात साल की
उम्र में,
डैड को खोना,
ऐसा लगता है
खिलौने लाने के लिए
मेरे पास पैसे नहीं थे,
और पैसे लाने के लिए
डैड,
हर दिन
मैं यही सोचकर
सो जाता था कि
कल डैड आएंगे,
खिलौने लेकर।
लाएंगे तो नहीं लूंगा,
जिद करूगा,
कहूंगा कि ये
मुझे नहीं चाहिए।
डैड दुसरा लाएंगे,
डैड है तो हर
सपने अपने हैं,
डैड है तो
बाजार के सब
खिलौने अपने हैं।
आ जाओ डैड
यही सोचता था।