फ़साना बनते बनते
फ़साना बनते बनते
रुक गया फ़साना एक नया
बनते बनते
थम गया नीड़ एक नया
बसते बसते
बुझ गया दीप एक आस का
जलते जलते
रुक गयी कली एक फूल
बनते बनते
थम गए बIदल ये
बरसते बरसते
रुक गया मयूर एक
नाचते नाचते
थम गयी कोयल एक नगमा
गाते गाते
ठहर गया सूरज ये
उगते उगते
बुझ गए तारे ये
जगमगाते जगमगाते
क्योंकि आज फिर
रुक गया था फ़साना
एक नया बनते बनते
थम गया था नीड़ एक नया
बनते बनते
