Shailaja Bhattad
Romance
बातों से लाजवाब हो।
चेहरे से आफताब हो ।
आंखों का नूर हो।
खिला हुआ फूल हो।
तुम मेरा गुरूर हो।।
इंद्रधनुष
माँ अम्बे
श्री राम
माँ जगदम्बा
होली
भक्त वत्सल रा...
बसंत पंचमी-1
वसंत पंचमी
तू दर्द है, है तू ही दवा भी...। तू मेरी खामोशी है, है तू ही जुबां भी..!! तू दर्द है, है तू ही दवा भी...। तू मेरी खामोशी है, है तू ही जुबां भ...
अधूरा हूँ मग़र जाना तुम्हें पूरा मैं कर दूँगा उम्र भर हो सके तो संग हमारे ही चले जाना। अधूरा हूँ मग़र जाना तुम्हें पूरा मैं कर दूँगा उम्र भर हो सके तो संग हमारे ही च...
चाँद-सितारों भरी रात है हमसफ़र का साथ है ! चाँद-सितारों भरी रात है हमसफ़र का साथ है !
ऐ मुतरिब! इन बेजान लफ़्ज़ों में जान ला, आ ये महफ़िल सजी है कोई गीत तो गा! ऐ मुतरिब! इन बेजान लफ़्ज़ों में जान ला, आ ये महफ़िल सजी है कोई गीत तो गा!
फोटो पे कलर लगाऊं क्या तेरी तस्वीर सजाऊं क्या फोटो पे कलर लगाऊं क्या तेरी तस्वीर सजाऊं क्या
मेरी खुशी आपकी निगाहें मेरी जन्नत आपकी बाहें, मेरी खुशी आपकी निगाहें मेरी जन्नत आपकी बाहें,
आसमां देखते रहे जैसे तुम्हारी तस्वीर बनी हो, लहरों में हम बहते रहे, जैसे तुम मुझे। आसमां देखते रहे जैसे तुम्हारी तस्वीर बनी हो, लहरों में हम बहते रहे, ज...
दरिया के उस पार से सजन जल्दी से आजा घर दरिया के उस पार से सजन जल्दी से आजा घर
तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है! तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है!
मेरी अदाओं का ऐसा फसाना हो गया, कि वो मेरे जुल्फों का दीवाना हो गया। मेरी अदाओं का ऐसा फसाना हो गया, कि वो मेरे जुल्फों का दीवाना हो गया।
आसान नहीं है यूँ शायरी लिख पाना, हर लफ्ज़ मोहब्बत में हार कर लिखना पड़ता है! आसान नहीं है यूँ शायरी लिख पाना, हर लफ्ज़ मोहब्बत में हार कर लिखना पड़ता है!
बहुत कुछ सहना पड़ता है, तब तेरे दिल मे रहना पड़ता है! बहुत कुछ सहना पड़ता है, तब तेरे दिल मे रहना पड़ता है!
अंधेरे में क्यों बैठे हो चिराग जला दो, अपने दिल में भी उजाला फैला दो। अंधेरे में क्यों बैठे हो चिराग जला दो, अपने दिल में भी उजाला फैला दो।
तुम इतनी ख़ूबसूरत हो, तुम्हें भी पता है कि नहीं.. तुम इतनी ख़ूबसूरत हो, तुम्हें भी पता है कि नहीं..
झुका के सिर माँ के पैरों में, मैं सारे तीर्थ घूम लिया.. झुका के सिर माँ के पैरों में, मैं सारे तीर्थ घूम लिया..
इतिहास गवाह है कि जमाना बहुत जालिम है दोस्त इतिहास गवाह है कि जमाना बहुत जालिम है दोस्त
रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते
तेरे ये ख़त ही तो है अब जो तेरे होने का एक एहसाह मेरे इस दिल में जगाए रखते है। तेरे ये ख़त ही तो है अब जो तेरे होने का एक एहसाह मेरे इस दिल में जगाए रखते ...
आपके पास जाने की कोशिश करते है पर पता नहीं हमेशा अपने आप को टोक देते है। आपके पास जाने की कोशिश करते है पर पता नहीं हमेशा अपने आप को टोक देते है।
मैं व्याख्याता ऊर्जा सरक्षंण का, तुम भौतिकी मेरे जीवन की। मैं व्याख्याता ऊर्जा सरक्षंण का, तुम भौतिकी मेरे जीवन की।