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Meera Parihar

Classics

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Meera Parihar

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नंदी भोले

नंदी भोले

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अरे नंदी भोले, बाबा से कह दो

 दर पे तुम्हारे मुरीद आ गए हैं 

चरण धूल लेने, विपुल भक्ति पाने

 बहुत दूर से अब करीब आ गए हैं


 पहाड़ों से आए, मैदानों से आए 

शहर गांव छोटे, कस्बों से आए 

पाने को दर्शन मनाने को बम बम

 विपुल भक्ति लेकर, जल आ गए हैं


 भंगिया की खेती कर नहीं पाते

 बोने पर बाबा, जेल को जाते

दूध और मिश्री थोड़ी सी केसर 

मिलाकर बना जो रस आ गये हैं


 तमन्ना है दिल की, एक बार मिलके

कहें बात अपनी, कदमों में पड़ के 

पाप जो भी होते,शरण आके धोते

 दे दीजिए मुक्ति, हम यह चाह रहे हैं


 अपना बना लो, गले से लगा लो

 नाग लगाए ज्यों, हमें अपना लो 

नरक बनती धरती, हर ओर दहशत

कहर इस कदर क्यों बरपा रहे हैं।


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