शिव..... नहीं
शिव..... नहीं
मैं .....
शिव नहीं हो सका।
जीवन की
असंख्य
अभेद विषमताओं को।
मैं......
कहाँ भेद सका।
मैं......
शिव नहीं हो सका।
पीकर जीवन की ,
असंख्य समस्याओं का हलाहल।
मैं कंठ में भर कर
कुंठाओं को नहीं रख सका।
मैं..... शिव नहीं हो सका।
विरोधी परिवेश में
विचारधाराओं के विसंगत परिवेश में
आंख मूंद मन को विरक्त ना कर सका।
मैं....... शिव नहीं हो सका।
मृत्यु पर खड़ा एक जीवन
और जीवन से भी हरा हुआ।
अमृत जीवन परम शिव का।
एक अंश मात्र भी नहीं हो सका।
