यूँ ही बैठे कभी अकेले
यूँ ही बैठे कभी अकेले
खुद को बहुत करीब पाया है
यूँ ही बैठे कभी अकेले
वक़्त ने आईना दिखाया है
यूँ ही बैठे कभी अकेले।
ऐसा भी नही कि तन्हाई पसंद हूँ
लेकिन बहुत सुकून पाया है,
यूँ ही बैठे कभी अकेले।
जाना है दूर तलक,
तो सबका साथ ज़रूरी है
लेकिन मंज़िल की भी तो सोचो
यूँ ही बैठे कभी अकेले।
सबसे सोच अलग है मेरी,
मैं सच की जड़ तक जाऊंगा
ये भी जाना सब है मुमकिन
यूँ ही बैठे कभी अकेले।