आत्महत्या समाधान नहीं
आत्महत्या समाधान नहीं
ज़िन्दगी खत्म करना क्यूँ तुम्हें आसान लगता है,
बताओ घर से प्यारा क्यूँ तुम्हें शमशान लगता है।
कोई तेज गाड़ी, पंखा, रस्सी चुन लिये हैं तुमने,
बताओ आजकल जीना तुम्हें क्यूँ घमासान लगता है।
घर घर नहीं लगता, नहीं लगता कोई अपना,
ऐसा क्या हुआ कि खुदकुशी समाधान लगता है।
जीवन है मोहब्बत, एक नेमत है, जान लो प्यारे,
इसे खुलकर जीयो, मत अपनी जान लो प्यारे।
तुम्हारे साथ सब हैं मन तुम खोलकर तो देखो,
अपनों से तुम ये सब ज़रा बोलकर तो देखो।
जरूरत ही नहीं रहेगी इतनी मायूसी अपनाने की,
चुप होकर खुद से आज हर दोस्त अंजान लगता है।
हार-जीत, सुख-दुख, आना-जाना, सब जरूरी हैं,
जीवन सफल बनाने में ये सारा सामान लगता है।
