श्री गणेशा
श्री गणेशा
प्रथम वंदन गणराया |
दुर्गुणांचा दूर करी साया ||
ध्यानी मनी एकच नाव |
भक्तीचा मनी वसे भाव ||
तू सकल जणांचा विघ्नहर्ता |
सर्व सिद्धीचा कार्यकर्ता ||
सदा सर्वदा मस्तकी तुझा हात |
प्रत्येक संकटावरी करते मात ||
विश्वाचा तू पालनकर्ता |
मुखी सदा सुखकर्ता - दुःखहर्ता ||
मनोहर तू गजमुख |
प्रार्थनेने होई दूर दुःख ||
निरागस, सुंदर रूप तुझे |
तृप्त होई नयन माझे ||