अभंग
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संत ज्ञानेश्वर। आपली माऊली।।
भावांची सावली। सदोदीत।।
मुक्ताई भगिनी। निवृत्ती हो दादा।।
सोपानची अदा। ज्ञानी सारे।।
ज्ञानेश्वर जन्म। आपेगावी झाला।।
आळंदीत आला। ज्ञानासाठी।।
बाबांनी घेतला। संन्यास संसारी।।
दुःख आले दारी। जीवनात।।
मुले वनवासी। आळंदीत झाली।।
परी नाही भ्याली। लीलयेस।।
मुक्या प्राण्यामुखी। वेद वदवले।।
ज्ञानार्जन केले। सकलासी।।