यादों का बिखरना....
यादों का बिखरना....
जिंदगी भी क्या है? यादों का एक अंतहीन सफ़र। इस सफ़र के दरमियान खिड़की से आगे झाँकते या पीछे मुड़ के देखते हुए यादें जुड़ती जाती है.... कभी बहुत गहरे अंदर तक..... कभी छिटकती जाती है बहुत दूर तक....इस खूबसूरत सफ़र के दरमियान कुछ नए साथी हमराह होते है तो कुछ साथ छोड़ देते है। फिर क्या ? सारी यादें जैसे बिखर जाती है और जिंदगी भर टीस देती रहती है.....
कभी कभी जिंदगी बेहद प्रैक्टिकल हो जाती है। सरवाइवल इंस्टिक्ट भी तो कोई चीज होती है... फौरन नये साथी को ढूँढ़ लेती है.... हर राही, हर मंज़िल, हर सफ़र और तो और हर रास्ते की अपनी यादें होती है.... या हम यूँ कह सकते है की उन यादों की एक कहानी होती है.....
ये यादें भी बड़ी अजीब होती है। वे जहाँ तहाँ बिखरी बिखरी रहती है..........कभी इधर उधर...हर जगह....हर चीज में...हर पल में...आप ही बताएँ, इन यादों को समेटना कोई आसान काम है क्या?