वो और मैं - 8
वो और मैं - 8
वो- तुम्हारा मिज़ाज़ आज उखड़ा उखड़ा क्यों लग रहा ?
मैं- यार ..समझ नहीं आता, क्या इतनी आसान लगती हूँ।
वो- लगती तो हो..पर हो नहीं।
मैं- पर मैं लगना भी नहीं चाहती।
वो- ये तो यार बड़ा ही मुश्किल है।
मैं- क्यों ?
वो-तुम्हारे साथ बैठो तो तुम्हारी खामोशी में भी सुकून है।
मैं-अरे यार..तुम फिर शुरू हो गये।
वो- क्या शुरू...अब जो है सो है।
मैं-ऐसा है कि अब दुबारा बात करने मत चले आना, गुड बाय।
वो- अरे!
मैं-(ब्लॉक)