Gita Parihar

Abstract

4  

Gita Parihar

Abstract

उत्तम शिक्षा

उत्तम शिक्षा

2 mins
24.4K


मित्रों, उत्तर रामायण में अत्यंत संदेशप्रद प्रसंग हैं। प्रकृति से प्रेम,सहअस्तित्व की भावना और प्रैक्टिकल लर्निंग कैसे की जाती है इसके अनूठे उदाहरण देखने को मिलते हैं। एक प्रसंग है जब सीताजी वन में बच्चों के साथ सूखी लकड़ियां चुनने जाती हैं।लव अज्ञानता वश जब हरे वृक्ष पर कुल्हाड़ी चला देते हैं ,तो सीताजी उन्हें शिक्षा देती हैं कि वृक्षों में भी जीवन है,उन्हें भी दर्द होता है।पीड़ा का उदाहरण देते हुए कहती हैं कि जब हम पर कोई आघात करता है तो हमारे शरीर से रक्त निकलता है, उसी प्रकार पेड़ों से रस निकलता है। उनके सह अस्तित्व पर बल देते हुए वे कहती हैं कि, बालक पेड़ से क्षमा याचना करे।

 दूसरी झलक:

 बालक प्रतिदिन जिस पेड़ के नीचे वंदन के लिए बैठते हैं, उस पेड़ की बांबी में एक सांप रहता है। ऋषि बाल्मीकि सशंकित हैं कि वह सांप बालकों को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए वे अपने शिष्य को भेजते हैं कि उस सांप से प्रार्थना करो कि वह कहीं अन्यत्र चला जाए। यह जानकर बच्चे कहते हैं कि, जितना हमें इस धरती पर रहने का अधिकार है, उतना ही उन्हें भी रहने का अधिकार है, है ऐसी शिक्षा उनकी माता ने दी है।दोनों बातें गौर करनेवाली हैं, बाल्मीकि का सांप को प्रार्थना करना और माता का इतनी उत्तम शिक्षा देना।

तीसरी झलक:

प्रैक्टिकल शिक्षा का अनूठा उदाहरण। 

ऋषि संस्कृत के श्लोक कि शिक्षा देने बच्चों को उन स्थानों पर भी ले जाते हैं, जिनका वर्णन श्लोक में है, जिससे बच्चों को उसका अर्थ सहज ही समझ में आ जाए।

 काश, हम अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दे पाएं !


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract