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Priyanka Gupta

Abstract Inspirational

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Priyanka Gupta

Abstract Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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"इस बार गर्मी की छुट्टियों में आप लोग कहाँ -कहाँ गए ?",टीचर ने क्लास में बच्चों से पूछा। 

किसी ने बताया दुबई, किसी ने लंदन, किसी ने बाली, किसी ने पेरिस। 

गर्मियों में दादी-नानी, बुआ-मासी, मामा-चाचा के पास जाने वाले क्या हम पिछड़े हुए लोग थे ? माँ -बाप यह क्यों भूल जाते हैं कि अगर बच्चों को रिश्तों की कद्र करना नहीं सिखाया तो दुःख -दर्द में उनके आँसू कौन पोंछेगा ? उन्हें कन्धा कौन देगा ? ख़ुशी में उनके साथ कौन नाचेगा ? वाकई में ये बच्चे तो फिर अपने मम्मी -पापा की भी कद्र नहीं करेंगे। टीचर ने सोचा। 

नानी के घर गए थे। कहीं से आने वाले कल में भी रिश्तों के महत्त्व को बनाये रखने की उम्मीद बंधाती आवाज़ आयी।


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