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Priyanka Gupta

Abstract Drama Inspirational

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Priyanka Gupta

Abstract Drama Inspirational

गरीब लेखकों की अमीर भाषा

गरीब लेखकों की अमीर भाषा

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"अरे ,आपकी बुक तो अमेज़न पर भी है । ऑर्डर कर देती हूँ । ",उसने फ़ोन की स्क्रीन स्क्रॉल करते हुए कहा । 

"नहीं ,नहीं । आप ऑर्डर मत कीजिये । मैं आपको अपनी बुक गिफ्ट कर दूँगा । ",उसने मुस्कुराते हुए कहा । 

"जी ,शुक्रिया । लेकिन फिर भी मैं आपकी बुक ऑर्डर करूँगी ही । ",किताबों की ख़ुशबू पर मर मिटने वाली वह बोली । 

"अरे ,फिर क्यों ऑर्डर कर रही हैं ?आपको मेरी हस्ताक्षर की हुई प्रति नहीं चाहिए । ",आश्चर्य उसकी आवाज़ में महसूस किया जा सकता था । 

"अरे ,चाहिये । क्यों नहीं चाहिये होगी भला ? आप एक बेस्ट सेलर राइटर हो । दो वजह से चाहिए । "

"क्या वजह है ? अगर आप बुरा न मानें तो बताएं । "

वह अपने स्कूल के बच्चों के लिए एक स्टोरी टेलिंग सेशन रखना चाहती थी । किसी कॉमन फ्रेंड के जरिये वह उससे मिली  थी । पढ़ने की शौक़ीन ,अपने घर -परिवार और दोस्तों में किताबी -कीड़े के नाम से मशहूर थी । वह हिंदी किताबों की दुनिया का उभरता हुआ सितारा था । मोबाइल के युग में भी उसकी लिखी कविताएँ युवाओं को बड़ी पसंद आ रही थी । समाज जिस सच का सामना नहीं करना चाहता ,उस सच को ही वह अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के सामने ला रहा था । 

आज पहली बार ही वह उससे मिल रही थी । उसके द्वारा किताब गिफ्ट करने के सुझाव ने आगे और मुलाक़ात होने के दरवाज़े खोल दिए थे । 

"एक तो हिंदी में लिखी हुई किताबें इसलिए खरीदती हूँ ताकि हिंदी गरीब लेखकों की अमीर भाषा बनकर न रह जाए । वैसे तो साहित्य और किताबों में आमजन की रुचि कम होती जा रही है । आज भी किताबों को मनोरंजन के साधन के रूप में स्वीकृति नहीं मिली है । ",यह कहते हुए ,उसकी आँखें हिंदी के सुनहरे भविष्य की कल्पना से चमक उठी थी । 

"वाह ,आपने क्या बात कही है ? दूसरी वजह क्या है ?"

"मेरे आसपास के लोगों की किताबें पढ़ने में रुचि उत्पन्न हो ,इसलिए उन्हें अक्सर किताबें उपहार में देती हूँ । ",उसने किताब ऑर्डर करते हुए कहा । 

"बहुत ही बढ़िया सोच । आप केवल हिंदी साहित्य की पाठिका तो नहीं हो सकती । कुछ लिखती भी हैं क्या ?"

"हाँ ,कभी -कभी ऐसे ही टाइम पास । आपके जितना अच्छा नहीं लिख पाती । "

"कुछ प्रकाशित हुआ है कभी ?"

"हाँ ,एक कहानियों की किताब है । आपको कभी भिजवाती हूँ । आपका पोस्टल एड्रेस मैसेज कर देना । "

"अब मैं भी आपकी किताब खरीदकर ही पढ़ूँगा । हिंदी को अगर प्रोत्साहित करना है तो साहित्य को प्रोत्साहित करना होगा । किताबें खरीदने से बेहतरीन इसका और कोई उपाय नहीं । "

"धन्यवाद । मेरी बात का मान रखने के लिए । "



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