Sanjay Arjoo

Abstract

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Sanjay Arjoo

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उधार की मस्ती नही है सस्ती

उधार की मस्ती नही है सस्ती

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अपनी गोवा के फोटो दिखाते हुए संगीता ने राधिका से कहा "गोवा जाकर मजा आ गया। कितनी सुंदर बीच है गोवा के?"

इतना कहते हुए संगीता,राधिका के कान में धीरे से फुसफुसाई" मैंने तो वहां उनके साथ पहली बार बियर भी पी" सुनते ही राधिका ने मुंह पर हाथ रख लिया, उसकी तो आंखे खुली की खुली रहा गई।

आज दो महीने बाद भी संगीता की गोवा घूमने की खुशी संगीता के मन में तरोंताजा थी।

तभी चाय पास रखी की चुस्की लेते हुए राधिका ने पूछा "अचानक तेरे पास इतने पैसे कहां से आये संगीता?" तुम्हारी कमाई तो इतनी नही है !

"अरे कुछ नही रोज रोज फोन आते थे लोन लेलो लोन लेलो मैंने इनपर दबाव बना कर इन्हें लोन के मना लिया अब देते रहेंगे खाते पीते।"

तभी दरवाजे की घंटी बजी कोई कूरियर वाला आया था।

 लिफाफा फाड़कर संगीता ने जिज्ञासा बस देखा तो आंखे खुली की खुली था गई

”क्या हुआ संगीता?" राधिका ने पूछा।


”अरे फाइनेंस कंपनी का बिल है पूरे दो लाख का!" अब संगीता को चाय में मीठा भी ज्यादा लग रहा था। 

 


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