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Sanjay Arjoo

Abstract Romance Inspirational

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Sanjay Arjoo

Abstract Romance Inspirational

आईना

आईना

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अपने कपड़ों और स्टाइल के लिए प्रसिद्ध "मधु कुमार"आजकल कुछ बुझा बुझा सा रहता है। जब से उसकी पत्नी मीरा का देहांत हुआ है, उसका हंसना, बोलना, सब कहीं खो सा गया है।

  मीरा को गए अब दो महीने हो चले है। जीवन अधूरा ही सही मगर सांसे चल ही रही हैं और सांसे हैं तो जीवन की आवश्यकताएं भी पूरी करनी ही पड़ती हैं, मगर मधु कुमार अब पहले जैसा नहीं रह गया था।

ऑफिस में आज वह अपने दोस्तों के साथ बैठा था, कि हल्की फुल्की मजाक के बीच, उसके ऑफिस का  दोस्त "गोविंद" बोल पड़ा

 "यार तू तो बहुत स्टाइलिश कपड़े पहना करता था, हम तो तुझे स्टाइल स्टार कहा कहते थे तुझसे नई नई स्टाइल सीखते थे, और ये देख तूने ये नीली पेंट पर क्या मट्मैली कमीज पहनी हुई है। बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा। खुद को संभाल जो हो गया सो हो गया!, बाकी जिंदगी भीं तो जीना है, तो फिर क्यों न ठीक ठाक ही बिताई जाए ?"

यादों की धुंधली तस्वीर मधु की आंखो के सामने उभर आई,वो रोज ऑफिस जाने से पहले तैयार होकर मीरा के सामने आ खड़ा होता, फिर रसोई से लंच बनाती मीरा उसे निहारती और एक ही पल में ही कमियां गिना देती, बेल्ट ठीक करो, जूते दूसरे पहनो,बाल बढ़ गए हैं कल कटवा लेना, कोट मैच नही कर रहा, जिसे सुनते ही मधु भी तुरंत खुद को ठीक करके फिर से मीरा के सामने आ खड़ा होता, फिर मुस्कुराती मीरा, की आंखो में, छलकते प्यार को देखकर ही मधु समझ जाता की अब वो ठीक दिख रहा है,।

 यादों की भूल भुलैया से निकलते हुए

रुंधी आवाज में मधु बोला "जिस आईने में देख कर मैं खुद को संवारता था, मेरा वो आइना टूट अब चुका है"

पूरे मौहोल में सन्नाटा पसर गया।


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