मॉर्डन बाई (लघुकथा)
मॉर्डन बाई (लघुकथा)
तुझे देख कर कौन कहेगा कि तू कामवाली बाई है?
कुछ ज्यादा मॉडर्न नहीं हो गई तू?
ये स्लीवलेस टॉप और चटख लाल रंग की पजामी पहनकर तू घरों में काम करेगी?
बदन को इस तरह दिखाएगी तो कौन काम करवाएगा तुझसे?
कहते हुए, प्रतीक्षा ने अपनी बाई की तरफ देखा।
और समझाने अंदाज में बोली
"लक्ष्मी" तुझे घर-घर जाना पड़ता है। सड़क से लेकर घरों तक कैसे कैसे मर्दों की नजर तुझ पर पड़ती होगी?
अपने काम में व्यस्त लक्ष्मी ने बिना गर्दन ऊपर किए बर्तन घिसते हुए कहा
"हम गरीबों के पास शौक करने के पैसे कहां?,
हम तो आप लोगों की उतरन ही पहनते है। ये मर्द तो सारे एक जैसे। जो आप लोगों के साथ होता होगा वही होगा और क्या?.
