मर्दानगी शब्द की गरिमा को शर्मसार कर रहा उसे लज्जा तक नहीं। मर्दानगी शब्द की गरिमा को शर्मसार कर रहा उसे लज्जा तक नहीं।
प्रेम मुदित मन करता स्वागत, प्रिय बसंत ऋतु आयी। प्रेम मुदित मन करता स्वागत, प्रिय बसंत ऋतु आयी।
उन्होंने ज़मीन पर रखी अटैची उठायी और एक बार पीछे मुड़ कर देखा है मानो जो कुछ पीछे छोड़ आये हैं, उसे... उन्होंने ज़मीन पर रखी अटैची उठायी और एक बार पीछे मुड़ कर देखा है मानो जो कुछ पी...
शक्ति का नाम ही नारी है मगर रोने के ठेका भी औरतों की जिम्मेदारी है शक्ति का नाम ही नारी है मगर रोने के ठेका भी औरतों की जिम्मेदारी है
अपनी भावनाओं को निकल जाने दो अपनी भावनाओं को निकल जाने दो
इस सवाल का जवाब किसी के पास भी नहीं था, उन दोनों के पास भी नहीं। इस सवाल का जवाब किसी के पास भी नहीं था, उन दोनों के पास भी नहीं।