तुम क्यूँ नहीं आए

तुम क्यूँ नहीं आए

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क्यूँ कभी-कभी लगता है ज़िंदगी खूबसूरत भी है और नासूर भी पता नहीं क्यूँ मैं इतनी अनमनी सी रहती हूँ सबकुछ तो है फिर भी एक कमी सी कचोटती है वैसे भूल जाना चाहिए मुझे बीते कल को हथेलियों पर लिए फिरती हूँ।

पर काश कहीं वो एक बार मिल जाए तो पूछ लूँ उसे जो आज मेरी इस उखड़ी उखड़ी सोच का जिम्मेदार है

मेरे खयालों की रफ्तार को तोड़ती कुनाल की आवाज़ ने चौंका दिया रिया को, "आज रात नये बॉस की ज्वाईनिंग की खुशी में होटेल होलीडे इन में पार्टी है। और हाँ तुम्हें वो रेड सारी पहनकर आना है, आज पहली बार ऑफिसियल पार्टी में सबको विद फैमिली बुलाया है।

तुम देखना बंदे की मल्लिका को देखकर जलन होगी आज मेरे सारे कलीगस को", 

पर मैंने टालने की कोशिश में कुनाल से कहा "प्लीज़ हो सके तो तुम अकेले चले जाओ मुझे बख़्श दो मैं आदी नहीं एसी पार्टीस की

एसी पार्टीयों में लेड़ीज़ की फालतू की फेशन कंपिटीशन होती है, एक दूसरे से स्मार्ट दिखने की बचकानी हरकतें, और तुम जेन्टस लोगों की बॉस की नज़रों में खुद को ओवर स्मार्ट साबित करने की कोशिश रहती है, और पीना पिलाना और बहकना ये सब मेरी सोच का हिस्सा नहीं", पर कुनाल के आगे मेरी कोई दलील कहाँ टिकती बस मुँह फुलाकर ऑर्डर देना और मेरा विथ स्माईली फेस उसे फौलो करना मेरी ज़िंदगी का मायना है

मेरा पति कुनाल गजब का हेंडसम है 6 फूट हाईट, गोरा रंग, नीलम सी आँखें,और घुँघराले बाल किसी भी लड़की को अट्रेक्ट करने के सारे गुणों की खान समझो। कॉरपोरेट जगत में बड़ी कंपनी के मैनेजर कुनाल मेहता की मैं पत्नी हूँ बस एक कमी खलती है "बताऊँगी कभी कौन सी कमी" 

रात के 8:00 बजे कुनाल की पसंद की रेड सारी और रियल पर्ल के लाइट ओर्नामेन्टस पहन कर मैं निकली, खुले बाल और हल्की लिपस्टिक कुनाल का मुँह खुला रह गया 

"मैडम किसी का कत्ल करने का इरादा है क्या ? कुछ तो रहम करो आज तो बिजली गिरने वाली है पूरे स्टाफ पर।"

मेरा पागल बुद्धु कुनाल गाल पर पप्पी लेते जानलेवा अंदाज़ में कुछ अटपटी शायरी भी कर लेता है

मुझे याद है मैं कैसी बिगडी हुई लड़की थी मेरी बियर छुड़वा दी, नानवेज भी, और सुबह 10 बजे तक सोना कुनाल ने हर बुरी आदत से निजात दिला दी थी,

कुनाल मेरी हर बात बोलने से पहले समझ लेता है। 

रात के 8:30 बजे मेरी दुनिया कुछ और थी कुनाल के साथ गाड़ी में बाजू की सीट पर बैठते ही कुनाल ने रेडियो मिर्ची स्टार्ट कर दी और गाना चला 'मेरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूँ' और 8 साल पुराना वो ज़माना याद दिला दिया मेरे पीछे पागल एक दीवाने लड़के ने मेरे लिए गाया था काॅलेज के एन्यूअल फंक्शन में, विकास खन्ना जिसे मैं भी पागलों की तरह चाहती थी पता नहीं आज कहाँ होगा बस अतीत की यादों ने घेर लिया और कब होटल आ गई पता ही नहीं चला।


लोगों की भीड़भाड़ म्यूजिक सिस्टम का शोर, एक से बढ़कर एक फैशन का मेला हर क्षेत्र के महारथी मौजूद थे यहाँ, करंट टापिक की चर्चा, कोकटेल की सुगंध और बाहर लॉन में देसी से लेकर कोन्टिनेन्टल खाने से सजे टेबल

पूरे शबाब पर थी पार्टी हमारे एन्टर होते ही मुझे देखकर लेड़ीज़ में गपशप होने लगी, और सारे मेल मेम्बर्स की आँखें मेरे उपर कुछ यूँ ठहर गई मानो आँखों से मुझे पी रहे हो।

मैंने कुनाल के कानों में फुसफुसाते कहा "मैंने कहा था ना तुम अकेले हो आओ ना मैं यहाँ किसी को जानती हूँ ना इस माहौल की आदी हूँ"

पार्टी का गर्म माहौल मेरे ठंडेपन को कचोट रहा था मैं बाहर गार्डन में खुली साँसे भरने मेरा फेवरिट स्ट्रॉबेरी मिल्क शैक का ग्लास लेकर आ गई, पर वो गाना मेरा पीछा कर रहा था पलकों पर ठहरे आँसू आइलाइनर खराब कर दे उसके पहले पी लिए,

मैं कुछ आगे सोचती की पीछे से कुनाल की आवाज़ आई "सर कम हियर मीट माय वाइफ रिया,

रिया, ही इज़ आवर न्यू बॉस" जैसे ही मैं मूड़ी विकास खन्ना को सामने पाया।

आँखों में असंख्य सवाल लिए मैंने हाथ मिलाया और एक सिहरन दौड़ गई रोम- रोम जल उठा उस पहचाने स्पर्श की आग आज भी धगधगते लावा सी मौजूद थी उसके हाथ में, कुनाल हम दोनों को अकेला छोड़कर गुप्ताजी की टोली में बैठ गया पूरे 8 साल बाद हम रुबरु हुए थे इससे पहले कि हमारी मुलाकात का वक्त खत्म हो जाए मैंने सीधा पूछ लिया "तुम क्यूँ नहीं आए मैं उस दिन शाम से लेकर रात तक बैठी रही तुम्हारे इंतज़ार में। 

तुम्हारे इंतज़ार में आँखें सूख गई रेल्वे स्टेशन की बेंच पर बैठे बार-बार सीढ़ियों से चढ़ते उतरते लोगों के चेहरों में तुम्हें ढूँढती रही शाम के 6 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक पूरे 6 घंटे तड़पती रही ठंड में ठिठुरती दिल में एक आस लिए सब खामोश और वीरान होता रहा, चने वाला, झाडू वाला, कुल्हड़ की चाय वाला, कुली और टी टी तक चले गए, सब सो गए एक मैं और आधी नींद में मेरी ही तरह इंतज़ार में अपनी अपनी ट्रेन के बैठे बोझिल लम्हें काट रहे कुछ मुसाफ़िर बचे थे"

"मैम डु यू वोन्ट शम स्टार्टर" वेइटर ने मुझे मेरी तंद्रा से जगाया, मैं तो मन ही मन खुद के साथ ही सवाल जवाब किए जा रही थी, बस इतने ही शब्दों में साँसे भर पाई की "कहो ना उस दिन तुम क्यूँ नहीं आए ?"

 

विकास ने मुझसे आँखें चुराते इतना ही पूछा "कैसी हो तुम", मैंने अपना सवाल दृढ़ता से दोहराया जो सवाल मेरे हलक में सालों से अटका था आख़िर क्या मजबूरी थी की सात जन्मों तक साथ निभाने की कस्मों का गला घोंट कर तुम बेवफ़ा बन गए।

विकास ने कहा "तुम आज भी उस मोड़ पर खड़ी हो? प्लीज़ आगे बढ़ो मुट्ठी खोल दो और बह जाने दो उन लम्हों को जो तुम्हें इतनी तकलीफ़ देते है कुछ हासिल नहीं होता कुछ सवालों के जवाब ढूँढने से भी नहीं मिलते। 

तुम्हारे हसबैंड बहुत अच्छे है और यस हेंडसम भी एंड ही लव्स यू सो मच दिख रहा है उनकी आँखों में "

मैंने विकास की बात काटते कहा "बट आई लव यू सो मच" विकास बोला "पगली तुम मुझे प्यार करती थी आज तुम सिर्फ मेरे खयाल से प्यार करती हो, मेरा कोई वजूद नहीं कोई जगह नहीं तुम्हारी लाइफ में अब मैं आरती का पति हूँ, तुम्हारे साथ जो था वो अतीत का हिस्सा मैं बहुत पीछे छोड़ आया हूँ आज मैं एक होटल के पूल साइड एरिया में अपनी कंपनी के मैनेजर की वाइफ के साथ खड़ा हूँ।"


तभी म्यूजिक सिस्टम पर गज़ल का ट्रेक बदला पंकज उधास की आवाज़ में "मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम "

ये गज़ल हम दोनों की फेवरिट थी बहुत बार साथ में गुनगुनाते थे, पर आज वही शख़्स सामने खड़ा था फिर भी अजनबी सा था, उन बीते लम्हों को भूलकर क्या-क्या समझा रहा था। और बोला "हाँ रिया तुम्हारे साथ तब जो था बड़ी शिद्दत वाला था ज़हन के एक कोने में खूबसूरत यादों के साथ वो लम्हें भी संजो कर रखे है, तुम्हारी तरह हथेलियों पर रखता तो शायद जी नहीं पाता क्यूँ की ऐसे लम्हें दुःख और तकलीफ़ ही देते है,  तुम भी बह जाने दो वो लम्हें जो कभी हमने साथ बिताये थे।"

दूर से कुनाल हाथ में ड्रिंक लिए हमारी तरफ़ आ रहा था मेरा मन चाह रहा था वो कहीं और मूड़ जाए, उसे कोई और रोक ले, मैं आज विकास से सारे सवालों के जवाब मांगना चाहती थी, पर मेरा चाहा आज तक कभी कुछ भी तो नहीं हुआ। वो आते ही बोला "क्या बात है आप दोनों को एक दूसरे की कंपनी पसंद आ गई या पहले से एक दूसरे को जानते हो क्यूँ की मेरी ये खूबसूरत बीवी इतनी देर तक सिवाय मेरे किसी को बरदास्त ही नहीं कर पाती।"

विकास ने कहा "अरे ऐसा कुछ नहीं आपकी बीवी मुझे कोई और समझ रही थी और इतना बोल कर विकास अपनी बीवी के पास चला गया।"

 

रात के 10:30 बज चुके थे और मेरी दुनिया में खलबली मची थी विकास जो कभी मेरा था मुझे बेइन्तहा बेशुमार चाहता था आज किसी और की किस्मत का सरताज था, किसी और की बाँहों में बाँहे डाले डांस फ्लोर पे डांस कर रहा था, जिसकी मेरे साथ कोई कंपेरिज़न नहीं थी ना शक्ल थी, ना स्मार्ट नेस, ना फैशन की नालेज, ना सुंदरता जिसे विकास ने मेरे प्रेम का गला घोंट कर मेरे बदले चुना था। 

जो विकास मुझे अपनी जान कहता था, मेरे साथ घंटो बिताता था, मेरी हर बात की परवाह करता था, मेरी पसंद के कपड़े जूते और बाइक तक मेरी पसंद की लेता था, मूवी मौल रैस्टोरेंट पूणे शहर का कोना-कोना हमारे प्यार का गवाह था जिस विकास की आँखें की, बालों की, चाल की, उसकी हर एक अदा की मैं दीवानी थी मैं उसकी आँखों में अपनी दुनिया देखती थी ये वही विकास है जिसने एक दिन मेरा हाथ पकड़कर कहा "कहो रिया क्या तुम मेरे साथ भाग कर शादी करोगी ? अगर हाँ तो आज रात मैं रेल्वे स्टेशन पर तुम्हारा इंतज़ार करूँगा" पर मेरा इंतज़ार आज 8 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ वो क्यूँ नहीं समझता। मैं जानती हूँ आज भी वो बेइन्तहा शिद्दत वाला प्यार मुझसे करता है जताता नहीं पर जितना मेरा दिल और आँखें उसे पहचानते है उतना वो खुद भी नहीं जानता।

आज भी अहसास को बातों की परतों से लपेट कर चला गया, रही होगी को मजबूरी वरना विकास की पसंद आरती जैसी तो ना थी, एक बंधन में बँध कर भी अहसासों पर काबू पाना मुझसे बेहतर कौन जानता होगा पर क्या मजबूरी हो सकती है क्यूँ छुपा रहा है विकास अपनी फीलिंग नज़रों के खेल के पीछे। 

मेरी सोच को लगाम देते स्टेज पर से एक एनाउंसमेंट हुई,

"लेडीज एंड जेंटलमेन आज हम एक गेम खेलते है, हमने सबके नाम की चिट्ठी बनाई है बारी-बारी सब एक चिट्ठी उठाएँगे और चिट्ठी में जिसका नाम निकले उससे चिट्ठी उठाने वाले को एक सवाल पूछना होगा और जिसका नाम चिट्ठी में हो उसे सवाल का सही जवाब देना है। 

जिस दिन रेल्वे स्टेशन से रोती हुई तकदीर को कोसते लौटी थी उस दिन से सबसे भरोसा उठ गया था, हाँ हो गई थी मैं नास्तिक,पर आज भगवान से प्रार्थना करने लगी की विकास के नाम की चिट्ठी मेरे नसीब में लिख दे, बारी-बारी सबका टर्न पूरा हो गया आखिरी दो चिट्ठी बची थी मेरा नं. आ गया मैंने काँपते हाथों से चिट्ठी उठाई और खोलते ही एक यकीन का भाव जग गया मन में और मैंने नज़रें उठाकर उपर वाले का शुक्रिया अदा किया विकास का नाम चिट्ठी पर पढ़कर कुनाल बोला "बीवी कुछ ऐसा पूछ लो की विकास जी की बोलती बंद हो जाए।"

मैंने विकास की ओर देखा मैंने सोचा था नर्वस होगा पर उसके चेहरे पर एक कान्फ़िडेन्स दिखा, मैंने हल्के लहजे में सालों से मन में पड़ा सवाल पूछा, "बताईये विकास जी क्या आपने अपनी लाइफ मैं कभी किसी से सच्चा प्यार किया है ? और करके छोड़ दिया है?"

विकास कुछ देर टकटकी लगाये मुझे देखता रहा मैंने महसूस किया उसकी आँखों में कुछ पिघलता पलकें नम और एक दर्द भरी शिकन को पल भर में पी गया, और मेरी तरफ़ देखकर भारी आवाज़ में एक आत्मविश्वास के साथ बोला "मिसेज मेहता नो, नेवर मैंने कभी किसी से प्यार नहीं किया ना ही प्यार करके किसी को छोड़ा, मैंने सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी पत्नी से प्यार किया है", उसके शब्दों ने एक वज्रघात किया मेरे वजूद पर मैंने मूड़ कर देखना भी मुनासिब नहीं समझा और कुनाल को हाथ से खिंचती "चलो अब घर चले" कहती निकल गई उस फरेबी इंसान से दूर, अपने प्यारे कुनाल की हसीन दुनिया में जो मुझे अपनी जान से ज्यादा चाहता है।

 

गुस्से में गाड़ी का दरवाज़ा धड़ाम से बंद करके आँखें बंद करके बैठे गई, कुनाल ने सिर्फ़ इतना पूछा "आर यू ओके?" मैंने "हाँ" में सर हिलाया कुनाल के सामने चिल्ला चिल्ला कर रो नहीं सकती थी बस खामोशी से एक ज़लज़ले को पीती रही।

कुछ देर बाद खामोशी को तोड़ते कुनाल ने कहा "रिया प्लीज़ डोन्ट बी अपसेट मैं जानता हूँ की तुम और विकास एक दूसरे को पहले से जानते हो और एक दूसरे को बेइन्तहा चाहते हो" और तुम यकीन नहीं करोगी पर ये बात मुझे खुद विकास ने ही बताई थी।"

मैं आघात और आश्चर्य से कुनाल को देखती रही हाउ इज़ दिस पॉसिबल, कैसे आई कानट बिलिव ?"

कुनाल ने कहा "हमारी शादी पक्की होने के बाद जब-जब मैं तुमसे मिलता था तुम कभी मानसिक तौर पर मेरे साथ नहीं होती थी, हमेशा एक उलझन में घिरी मानो खुद से ही ख़फ़ा सी तब मैंने सोचा हो न हो तुम हमारे रिश्ते से खुश नहीं हो और इससे पहले की हमारा रिश्ता तुम्हारे अपनेपन में ज़बरदस्ती बँधे मैंने तय किया पहले सच्चाई जान लूँ उसके बाद ही शादी करूँगा, और जो तुम्हारे सबसे करीब तुम्हारी दोस्त है ना शालिनी उससे पूछा, पहले तो उसने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया पर मैंने जब उसे भरोसा दिलाया की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और जो कुछ सच्चाई होगी वो जानने के बाद भी तुम्हारे प्रति वही फीलिंग रहेगी तब जाके उसने मुझे तुम्हारे और विकास के रिश्ते के बारे में बताया, फिर मैं विकास से भी मिला उसने जो बताया उसके बाद विकास के लिए मेरी इज़्ज़त बढ़ गई, उसने मुझसे वादा लिया की मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा, दुःख दर्द कभी तुम्हें छू भी ना पाए, हाँ मैंने भी पूछा उसकी मजबूरी के बारे में पर शायद वो खुद अकेले झेलना चाहता है उस दर्द को तो नहीं बताया, पर वो आज भी तुम्हें पागलों की तरह चाहता है ये हक़ीकत है और मानता हूँ आज तुम्हें सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे।"


मैं आँखें बंद किए बैठी रही मैं शर्मसार थी कुनाल के साथ अन्याय करती आ रही थी 8 सालों से जिस इंसान ने मेरे बारे में सबकुछ जानते हुए भी मुझे इतना प्यार दिया और कभी जताया तक नहीं, ना भनक होने दी की वो सब जानता है, ना कभी कोई ताना कसा, कई बार अंतरंग क्षणों में मैं कुनाल को भूलकर विकास के खयालों में खो जाती थी और कुनाल का उन्माद ठंडा हो जाता था मेरे बर्ताव से, पर इट्स ओके कहते हुए संभाल लेता था हम दोनों को क्यूँ आख़िर एक बेवफा की ख़ातिर कुनाल के साथ अन्याय करती रही उसे सज़ा देती रही मैंने कुनाल का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा "सौरी। "

कुनाल ने मेरा गाल थपथपाते कहा "मेरी पगली फॉरगेट आल आई एम ऑलवेज विथ यू" तभी कुनाल के मोबाइल पर एक मेसेज झिलमिलया "कुनाल रिया को संभाल लेना आज वो बहुत अपसेट होगी मेरे दिल में जलन हो रही है ये उसी के दिल में लगी आग की है।"

कुनाल ने मुझे वो मेसेज दिखाया और हँस पड़ा "साला मेरी बीवी के दिल का हाल मुझसे पहले जान जाता है, और बीवी सुनो होता है सबका एक पास्ट यार अब वर्तमान में लौट आओ।" 

गाड़ी एक ब्रिज के उपर से गुजर रही थी नीचे एक नदी बह रही थी मैंने कुनाल को गाड़ी साइड में खड़ी करने के लिए बोला कुनाल ने गाड़ी रोक दी 

मेरे गले में एक लॉकेट था उसमें मेरी और कुनाल की तस्वीर है और कुनाल की तस्वीर के पीछे विकास की तस्वीर थी मैंने वो निकालकर टुकड़े करके नदी में बहा दिए और एक पीड़ादायक अध्याय को अग्नि दाह करके लौट आई हमेशा हमेशा के लिए ज़िंदगी की सच्चाई के पास, मेरे कुनाल का हाथ थामे मैंने गृह प्रवेश किया, अब ज़िंदगी में कोई कमी नहीं आज पूरी हो गई हूँ अपना वजूद कुनाल के अस्तित्व को समर्पित करके, आज सबकुछ खूबसूरत है।।



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