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PRATAP CHAUHAN

Abstract Fantasy Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Fantasy Inspirational

तीन पीढ़ी

तीन पीढ़ी

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 वह घर स्वर्ग के समान होता है जिस घर में तीन पीढ़ियों के लोग खुशी-खुशी रहते हैं। जहां कई रिश्ते जैसे दादा-दादी, पापा-मम्मी, बेटा-बेटी और नाती नतूले सब एक साथ रहते हैं। किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं होता। एक हरी भरी फुल बगिया लगती है। घर में हर वक्त आनंद ही आनंद होता है यही संयुक्त परिवार की विशेषता होती है।

जो आज के समय में बहुत कम देखने को मिलता है।संयुक्त परिवार अब विलुप्त हो चुके हैं। अब हर जगह एकाकी परिवार मिलते हैं। तो चलिए सुनाते हैं एक संयुक्त परिवार की सुखद कहानी।

 ऐसा ही एक खुशहाल संयुक्त परिवार था। उस परिवार के मुखिया दादा जी राय सिंह अपने बच्चों की शादी करके अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों से स्वतंत्र हो चुके थे। सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी पेंशन ले रहे थे। उनका बेटा प्रताप बैंक पीओ था। जिसकी शादी शिल्पिनी से हुई थी जो एक सरकारी टीचर थी। उनके दो बेटे दो बेटियां हुई सभी बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। शाम को बच्चों का होमवर्क शिल्पिनी कराती थी और रात में जब बच्चे नहीं सोते थे तब दादी जी बच्चों को कहानियां सुनाती थीं। सुबह शाम सभी लोग पार्क में जाते थे। खूब मस्ती करते थे। बच्चे पार्क में झूला झूलते दादा दादी पार्क में रखी बेंच पर बैठकर अपनी पुरानी यादें ताजा करते थे। उनके बेटा और बहू दोनों ही पार्क में योगा करते।

 उस पार्क में आने वाला जो भी इस परिवार को देखता वह इस परिवार की प्रशंसा किए बिना खुद को रोक नहीं पाता।

 इनके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को यह संयुक्त परिवार प्रेरणा देता था।


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