सवाल जवाब
सवाल जवाब
कभी सालों पहले हम जब भी मिलते थे तो हमारा एक ही सवाल हुआ करता था, “और बताओं,जिंदगी के बारे में तुम्हारा क्या खयाल है?" एक मुस्कराहट के साथ ये सवाल बेखयाली से होंठों पर आता था।
जवाब देने वाला बड़े ही संजीदगी से जवाब देता था।और हम मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते थे।
जिंदगी ऐसी ही बेख़याली से गुजरती रही।
आज बहुत दिनों के बाद सबकुछ याद आया।
वक्त के साथ जिंदगी बदली और साथ ही सवाल भी...
हाँ,अब लगता है सारे सवाल जैसे संजीदा से हो गये है और जवाब? वे तो जैसे कही छुप से गये है,उन सब सवालों से बचने के लिए ...