आज सब कुछ बदल रहा है आज सब कुछ बदल रहा है
जिंदगी को अपना नजरिया पहनाते हैं आओ इस शहर का हाल सुनाते हैं ! जिंदगी को अपना नजरिया पहनाते हैं आओ इस शहर का हाल सुनाते हैं !
'बारिश स्नेहा की कमजोरी थी, उसके कदमो ने खुद ब खुद उसे छत में ले जा कर खड़ा कर दिया।' एक उमीद भरी औरत... 'बारिश स्नेहा की कमजोरी थी, उसके कदमो ने खुद ब खुद उसे छत में ले जा कर खड़ा कर दि...
तो हमारा एक ही सवाल हुआ करता था, “और बताओं, जिंदगी के बारे में तुम्हारा क्या खयाल है?" एक मुस्कराहट ... तो हमारा एक ही सवाल हुआ करता था, “और बताओं, जिंदगी के बारे में तुम्हारा क्या खया...