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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Children Stories Classics

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Children Stories Classics

सुंदर तन मन वाली -सलोनी स्नो व्हाइट

सुंदर तन मन वाली -सलोनी स्नो व्हाइट

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"तन भी सुंदर मन भी सुंदर, तू सुंदरता की मूरत है।

किसी और को शायद कम होगी, मुझे तेरी बहुत जरूरत है।"- मुझे गुनगुनाते हुए सुनकर मेरे ठीक सामने घर में रहने वाले वर्मा जी जो मेरे बहुत ही अच्छे मित्र हैं उनकी बेटी सलोनी मेरे पास आ गई और बोली आप बहुत ही बढ़िया गाते हैं। सुनने में बहुत ही अच्छा लगता है।

"धन्यवाद,सलोनी बेटी।तुम भी बहुत ही सुन्दर और मधुर आवाज में गाती हो। पिछली साल तुम्हारे विद्यालय के वार्षिक उत्सव में तुमने जो गीत गाया था मैंने उसे सुना था।वह बड़ा मनमोहक गीत था और तुम्हें लगातार अपनी गायन कला को निखारने के लिए गाते रहना चाहिए और जो तुम्हारे विद्यालय में जो संगीत अध्यापिका हैं उनके साथ जुड़े रहकर उनके दिशा निर्देशन में तुम्हें अभ्यास करते रहना चाहिए। विद्यालय में जो गतिविधियां चलती हैं उनमें संगीत की कार्यक्रमों में भाग लेते रहना चाहिए। तुम्हारी चित्रकला भी बहुत अच्छी है विद्यालय की चित्रकला प्रतियोगिता होती है उसमें भी तुम्हें भाग लेना चाहिए तुम्हारी मम्मी की भी चित्रकला मेंबड़ी चूची है तो आप अपनी मम्मी के दिशा निर्देशन में अच्छी चित्रकारी सीखे और विद्यालय की प्रतियोगिताओं में लगातार भाग लें।"-सलोनी की संगीत और चित्रकला में उत्कृष्टता के बारे में मुझे जानकारी होने कारण मैंने उसका उत्साह बढ़ाते हुए कहा।

सलोनी के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव उभरे। वह प्रसन्न होते हुए बोली-"धन्यवाद अंकल जी, मैं आपकी बात का ध्यान रखूंगी। विद्यालय में मैं संगीत वाली पूनम मैडम के संपर्क में में रहती हूं। वे बड़ी ही मेहनत के साथ हम सब बच्चों का अभ्यास करवाती है और उनका भी यही कहना है कि मैं अच्छा गाती हूं ।इसमें उत्तरोत्तर बेहतरी के लिए मुझे लगातार अभ्यास करना चाहिए। चित्रकला का अभ्यास करवाने के लिए मम्मी को अपने ऑफिस और घरेलू कामों में व्यस्तता के कारण मम्मी को थोड़ा कम ही समय मिल पाता है फिर भी मैं उनसे परामर्श भी लेती रहती हूं और वे भी समय निकालती है । विद्यालय में जब भी कोई प्रतियोगिता आयोजित होती है तभी विशेष रूप से मेरा अभ्यास करवाती हैं। मुझे सिखाने में वे बड़े ही मनोयोग से मेरी मदद करती हैं।"

मैंने सलोनी से जानना चाहा -" इस समय बहुत सारे दफ्तरों और विद्यालयों की तरह तुम्हारे विद्यालय में भी कोरोना की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैैं। अच्छे विद्यालयों में ऑनलाइन ही बहुत सारी गतिविधियां और क्रियाकलाप होते रहते हैं। कोरोना ने बहुत कुछ नये तरीके हमें सिखाए हैं। और हर चीज को समझने के नए-नए तरीके रास्ता ढूंढे गये हैं। ऑनलाइन मिलने वाले इन अवसरों का भी लाभ हमें प्रतिभा को निखारने के लिए अवश्य उठाना चाहिए।"

सलोनी बोली-"अंकल ,इस समय विद्यालय में ऑनलाइन हिंदी इनसे एक कहानी प्रतियोगिता होने वाली है।'सुंदर तन में,सुंदर मन ' प्रतियोगिता का शीर्षक है। एक छोटी सी कहानी और कहानी से संबंधित एक सुंदर सा चित्र भेजना है। मैं मैं चाहती हूं कि इस प्रतियोगिता के लिए एक सुंदर सी कहानी आप मुझे सुना दे जिससे कि मैं उसे विद्यालय की ऑनलाइन प्रतियोगिता में भेज कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकूं। बेहतर हो कि कोई परियों की कहानी या इसी से मिलती-जुलती एक मनोहारी कहानी हो।"

"ठीक है तुम तैयार हो जाओ। मैं तुम्हें स्नो व्हाइट और सात बौनों की कहानी सुनाता हूं। स्नो वाइट एक परी तो नहीं लेकिन वह परी की तरह सुंदर अच्छे मन और स्वभाव वाली लड़की थी।"-मैंने सलोनी की समस्या का समाधान करते हुए कहा।

"बहुत-बहुत धन्यवाद,अंकल जी"-सलोनी बोली

मैंने कहानी शुरू की-"पहले एक राजा और रानी राज्य करते थे। राजा बहुत ही न्याय प्रिय और बहुत दयालु थे। उनकी रानी भी बहुत ही दयालु और प्यारी थी।राज्य की प्रजा बहुत सुखी थी। सारी प्रजा राजा और रानी का बहुत आदर करते थे। राजा और रानी भी सुखी थे लेकिन उनको एक ही दुख था कि उनके कोई संतान नहीं थी। उनके मन में एक सुंदर संतान को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा हर समय बनी रहती। राजा और रानी मन ही मन ईश्वर से उन्हें एक प्यारी सी संतान देने के लिए सतत प्रार्थना करते रहते थे। सर्दियों की एक सुंदर सुबह रानी खिड़की के पास बैठकर स्वेटर बुन रही थी ठीक उसी समय खिड़की के पास स्नो व्हाइट नाम की एक चिड़िया खिड़की के पास आकर बैठ गई जिससे रानी का ध्यान भटक गया और उसकी उंगली में सुई चुभ गई। रानी ने एक इच्छा मन ही मन ईश्वर एक इच्छा पूरी करने की प्रार्थना की कि वे उसको एक बहुत ही सुंदर बेटी का वरदान दें जो परी की तरह बहुत खूबसूरत हो और जिसका चेहरा स्नो की तरह हो। उनकी प्रार्थना ईश्वर ने स्वीकार की। कुछ समय के बाद रानी ने एक बहुत ही सुंदर बेटी को जन्म दिया जिसका नाम स्नो व्हाइट रखा गया।"

सलोनी ने अपनी जिज्ञासा प्रकट करते हुए मुझसे कहा -" अंकल जी, क्या जब हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं तो भी हमारी प्रार्थना सुनकर हमारी इच्छा पूरी करके वरदान देते हैं ?"

"सच्चे मन दृढ़ विश्वास से की गई ईश्वर से प्रार्थना अवश्य ही स्वीकार होती है लेकिन हमारा विचार एक बच्चे की तरह पवित्र और सरल होना चाहिए"- मैंने सलोनी को समझाते हुए बताया।

"स्नो व्हाइट की कहानी में आगे क्या हुआ ?"-सलोनी ने अपनी जिज्ञासा प्रकट करते हुए कहा।

"स्नो व्हाइट की एक सौतेली मां थी। वह भी बहुत सुंदर थी ।उसके पास एक जादुई शीशा था वह और शादी शीशे के सामने खड़ी होती और प्रश्न पूछती कि संसार में सबसे सुंदर कौन है? तो उस शीशा सदैव जवाब देता की महारानी आप इस संसार में सबसे अधिक सुंदर हैं। यह सुनकर रानी बहुत ही प्रसन्न होती थी। धीरे-धीरे जब स्नो व्हाइट बड़ी हुई तो और अधिक सुंदर होती चली गई ।जब वह एक युवती बन बन गई थी। रानी ने अब जब शीशे से पूछा कि बताओ संसार में सबसे अधिक सुंदर कौन है । शीशे ने इस बार जवाब दिया कि स्तनों व्हाइट संसार में सबसे सुंदर है। यह सुनकर रानी को बड़ा ही क्रोध आया। स्नो वाइट की सौतेली मां ने उसे बहला-फुसलाकर बुलाया और उससे कहा कि तुम्हें जंगल में घूमने के लिए जाना चाहिए इससे तुम्हारा मन बहल जाएगा ।मैं तुम्हारे साथ सुरक्षाकर्मी भेज रही हूं ।रानी ने स्नो व्हाइट के साथ सुरक्षाकर्मी भेजे और उनसे स्नो व्हाइट को मारकर सबूत के तौर पर उसका दिल लाकर उसे दिखाने के लिए कहा। जो सुरक्षाकर्मी स्नो वाइट के साथ गए थे उन्हें स्नो व्हाइट पर दया आ गई क्योंकि वह बहुत ही मासूम और निर्दोष थी इसलिए उन्होंने स्तनों व्हाइट को जिंदा जाने दिया। सुरक्षाकर्मियों ने किसी जंगली पशु को मारकर उसका दिल लाकर स्नो व्हाइट की सौतेली मां को दिखा दिया।" 

"फिर तो स्नो वाइट की सौतेली मां बहुत प्रसन्न हुई होगी। पर जंगल में स्नो व्हाइट कहां गई होगी?"-सलोनी ने दुखित मन से पूछा।

"हां सलोनी बेटे स्नो व्हाइट की सौतेली मां बहुत ही प्रसन्न हुई। उधर स्नो व्हाइट जंगल में भटकते हुए बहुत परेशान हो गई वह बहुत डर रही थी। उसने एक कुटिया देखी। वह कुटिया के अंदर चली गई ।वहां कुटिया में खाने की मेज पर सात सुंदर प्लेटें और उनमें खाने का सामान था ।साथ छोटे-छोटे बिस्तर लगे हुए थे ।स्नो व्हाइट भूखी थी उसने उन प्लेटों में से खाना खाया ।वह थकी हुई थी तो एक बिस्तर पर लेट गई और सो गई। वह कुटिया सात बौनों की थी।बेबो ने जब आपस कुटिया में आए तो उन्होंने एक छोटी लड़की को अपने बिस्तर पर सोते देखा ।उन्होंने उस समय उसे नहीं जगाया। जब जागी तो एक बार घबराई पर बौनों ने अपने छोटे मोटे काम उससे करने को कहा जिसके बदले में वे उसे कुटिया में रहने और खाने पीने के लिए देंगे। स्नो व्हाइट वहीं बौनों के साथ रहने लगी। वह उनके लिए खाना बनाती, उनका घर साफ करती ,उनके कपड़े धोती ।इस तरह उन्होंने बहुत खुश थे और उनके साथ स्नो व्हाइट खुशी-खुशी रह रही थी।"-मैंने सलोनी का दुख कम करने के उद्देश्य से बताया।

"अंकल ,आज बहुत सारी ऐसी खबरें आती हैं कि जिसमें लोग छोटी-छोटी बच्चियों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं और कभी-कभी उन्हें जान से भी मार देते हैं। क्या आज के समय में "

बौनों की तरह समझदार लोग नहीं रहते?"-सलोनी ने पूछा

"कुछ तो ऐसी को मानसिक बीमारियों से ग्रसित होते हैं कि उन्हें अच्छे बुरे की समझ नहीं होती। कुछ जिंदगी से परेशान होते हैं।" -मैने सलोनी को समझाने का प्रयत्न किया।

क्या स्नो व्हाइट की सौतेली मां को स्नो वाइट के जिंदा होने का पता नहीं चला।"- सलोनी ने ज्यादा जोर देते हुए जानना चाहा।

"काफी दिनों के बाद स्नो वाइट की सौतेली मां फिर जादुई शीशे के सामने खड़ी हुईं और जब उसने शीशे से सामने खड़े होकर संसार की सबसे सुंदर स्त्री के बारे में पूछा। तो शीशे ने कहा स्नो व्हाइट सबसे सुंदर है।यह सुनकर वह जंगल में आई और उसने बाल ठीक करने के बहाने बहलाकर स्नो व्हाइट के बालों में जहरीला कंघा लगा दिया जिससे वह बेहोश हो गई। शाम को जब बौने आए तो उन्होंने उसके बालों से वह जहरीला कंघा निकाल दिया जिससे स्नो व्हाइट फिर होश में आ गई।"-मैंने कहानी को आगे बढ़ाते हुए सलोनी को बताया।

"स्नो व्हाइट के द्वारा जिंदा होने की खबर जानने के बाद उसकी सौतेली मां ने फिर कुछ और भी किया होगा?"-सलोनी के मन में उत्कंठा जागी।

"अगली बार में स्नो व्हाइट की सौतेली मां ने एक किसान की औरत का रूप बनाया और वह एक टोकरी में फल लेकर के स्नो व्हाइट के पास गई। इस बार उसने स्नो व्हाइट को अपने जाल में फंसा कर जहरीला सेब उसे खाने को दिया। सेब काटते ही स्नो व्हाइट गिर गई और मर गई। बौनों ने आकर स्नो व्हाइट के शरीर को एक शीशे के ताबूत में बंद कर दिया ।एक राजकुमार जो उस जंगल में शिकार करने आया था। उसने स्नो वाइट के ताबूत को अपने साथ ले जाने की इच्छा जताई और कहा कि वह सुंदर स्नो व्हाइट का एक स्मारक बनाना चाहता है। बौनों ने उसे स्नो व्हाइट को ले जाने दिया ।ले जाते समय ठोकर लगने से जब वह ताबूत गिर गया तो स्नो वाइट के मुंह से सेब का टुकड़ा निकलकर बाहर गिर गया और स्नो व्हाइट फिर से जिंदा हो गई ।राजकुमार ने स्नो व्हाइट से शादी करने की इच्छा व्यक्त की। स्नो व्हाइट राजकुमार से शादी करने के लिए सहमत हो गई ।स्नो व्हाइट की सौतेली मां ने फिर जादू इसी से से पूछा कि संसार में सबसे सुंदर कौन है तो उस जादुई शीशे ने फिर जवाब दिया कि स्नो व्हाइट संसार में सबसे सुंदर है। इस बार उसकी सौतेली मां को विश्वास था कि स्नो व्हाइट तो मर चुकी है। उसने जादुई शीशा तोड़ दिया और स्वयं जहर खाकर आत्महत्या कर ली। स्नो व्हाइट ने शादी के समय अपने पिता का आशीर्वाद लेने की इच्छा व्यक्त की। राजकुमार ने स्नो व्हाइट के पिता को बुलाकर और उनके आशीर्वाद के साथ शादी की और दोनों सुख पूर्वक रहकर अपना जीवन हंसी खुशी के साथ बिताने लगे।"

पूरी कहानी सुनने के बाद सलोनी ने कहा -"अंकल जी' स्नो व्हाइट को ईश्वर ने सुंदर रूप दिया था साथ ही ईश्वर ने उसे सुंदर मन भीदिया था। तभी तो वह जब बौनों के साथ रहती थी तो वे बहुत प्रसन्न थे ।उसके बेहोश होने पर या मरने से बौने बहुत दुखी हुए। अपने सुंदर मन के कारण ही शादी करने के बाद वह राजकुमार के साथ हंसी खुशी से जीवन बिताने लगी। इस संसार में तन की सुंदरता से ज्यादा महत्वपूर्ण है मन की सुंदरता।"

"बिल्कुल सही सोचती है हमारी सलोनी बिटिया।अब तुम इस कहानी को लिखकर और मम्मी की मदद से चित्र बनाकर अपनी प्रतियोगिता में भेज देना। प्रतियोगिता में तुम्हारी भागीदारी अवश्य ही सराही जाएगी। मेरी शुभकामनाएं तुम्हारे साथ हैं।"-मैंने आशीर्वाद देते हुए उसे विदा किया।


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