सुझाव
सुझाव
आज जंगल में ऐलान हुआ है। सबको जंगल के बीचो-बीच उपस्थित होना है। एक बंदर ने अपने साथियों को खबर दी। "कोई खास बात!" साथी बंदर ने पूछा।
"हाँ कह रहे हैं कि, किसी गंभीर विषय पर चर्चा होनी है। तितलियों, गिलहरियों और चूहों की उपस्थिति भी अनिवार्य है।"
निर्धारित समय पर सभी उपस्थित हुए। शेरू राजा ने बहुत ही गंभीर मुद्रा में कहा- "हमें अपना घर बचाना है। कैसे? इसी पर आप सभी को सुझाव देना है। साथ ही निष्कर्ष पर पहुँचकर निर्णय लेना है।"
सभी ने अच्छे-अच्छे सुझाव दिए। लेकिन, जो सबसे अधिक स्वीकार्य था वह बंदरों के मुखिया का था।
वे उम्र व अनुभव दोनों में बड़े थे। उनका कहना था- "जिस तरह मनुष्य हमारे जंगलों में प्रवेश कर हमारी शांति भंग कर रहे हैं और हमें डर-डरकर, छिपकर रहना पड़ रहा है तो इसका एक ही उपाय है, कि हम पूरी धरती पर बीजों को फैलाते रहें ताकि, पूरी धरती पेड़- पौधों से भर जाए। मनुष्य अगर पेड़ काटना नहीं छोड़ सकते तो, हमें भी कमर कसकर, धुन का पक्का बनना होगा और बीज डालना नहीं छोड़ना होगा। माना कि सब बीज फलित नहीं होंगे लेकिन, सकारात्मक परिवर्तन जरूर आएगा।"
सभी ने तालियाँ बजाकर इस सुझाव का स्वागत किया ।
