Dr Jogender Singh(jogi)

Abstract

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Dr Jogender Singh(jogi)

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सोनू किराना स्टोर

सोनू किराना स्टोर

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"अर्चना भाभी आटा है ?" 

"ख़त्म हो गया है , शाम तक आ जायेगा ।" 

"टूथ्पेस्ट ? दंतकांति ? और डेट्टोल साबुन चार । साबूदाना तो होगा नहीं ?" प्रवीण ख़ुद से बोला ।

"क्यों नहीं ,कौन सा दूँ बारीक या मोटा ?" 

"वाह भाभी ! सब सामान रखी हो ।" प्रवीण ने दुकान में क़रीने से सजे सामान पर नज़र दौड़ाई ।

"टोमाटो केचप , जैम , बिस्किट और क्या कुछ नहीं । प्रवीण की लिस्ट बड़ती गयी । आटा शाम को ले लूँगा ।"

"मैं भिजवा दूँगी भैया लड़के से ।" 

"ठीक है भाभी ।"

"हुत आराम हो गया , मैं तो सोच रहा था बहुत भटकना पड़ेगा । पर चौराहे पर अर्चना भाभी की दुकान पर सब सामान मिल गया ।आटा भी शाम को भिजवा देंगी ।"

"वही “सोनू जनरल स्टोर ” चौराहे पर , वो तो बहुत छोटी सी दुकान है ।"मंदाकिनी बोली ।

"छोटी है , तभी हम लोग ध्यान नहीं देते । मॉल से ख़रीददारी की आदत जो हो गयी । सारा सामान क़रीने से सजा था । थोड़ी सी जगह का सुंदर उपयोग । अगली बार तुम भी साथ चलना ।"

"भला हो लॉकडाउन का कम से कम अग़ल / बग़ल की दुकानें तो दिखने लगी ।अगली बार मैं भी चलूँगी ।" 



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