सोनू किराना स्टोर
सोनू किराना स्टोर
"अर्चना भाभी आटा है ?"
"ख़त्म हो गया है , शाम तक आ जायेगा ।"
"टूथ्पेस्ट ? दंतकांति ? और डेट्टोल साबुन चार । साबूदाना तो होगा नहीं ?" प्रवीण ख़ुद से बोला ।
"क्यों नहीं ,कौन सा दूँ बारीक या मोटा ?"
"वाह भाभी ! सब सामान रखी हो ।" प्रवीण ने दुकान में क़रीने से सजे सामान पर नज़र दौड़ाई ।
"टोमाटो केचप , जैम , बिस्किट और क्या कुछ नहीं । प्रवीण की लिस्ट बड़ती गयी । आटा शाम को ले लूँगा ।"
"मैं भिजवा दूँगी भैया लड़के से ।"
"ठीक है भाभी ।"
"हुत आराम हो गया , मैं तो सोच रहा था बहुत भटकना पड़ेगा । पर चौराहे पर अर्चना भाभी की दुकान पर सब सामान मिल गया ।आटा भी शाम को भिजवा देंगी ।"
"वही “सोनू जनरल स्टोर ” चौराहे पर , वो तो बहुत छोटी सी दुकान है ।"मंदाकिनी बोली ।
"छोटी है , तभी हम लोग ध्यान नहीं देते । मॉल से ख़रीददारी की आदत जो हो गयी । सारा सामान क़रीने से सजा था । थोड़ी सी जगह का सुंदर उपयोग । अगली बार तुम भी साथ चलना ।"
"भला हो लॉकडाउन का कम से कम अग़ल / बग़ल की दुकानें तो दिखने लगी ।अगली बार मैं भी चलूँगी ।"