Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Drama Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Drama Inspirational

समस्याएं शहरों की

समस्याएं शहरों की

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ईश्वर की दुनिया के समान ही हमारी कक्षा में भिन्न-भिन्न प्रतिभाओं और क्षमता वाले विद्यार्थी हैं। । सामान्य रूप से कक्षा के हर बच्चे को स्थाई रूप से यह निर्देश है कि उस दिन कक्षा में सीखे आते हर विषय के चैप्टर्स को विधिवत दोहराएं और अगले दिन भर विषय के उन चैप्टर्स को एक बार गहराई से पढ़कर समस्याओं को छांट लें ताकि समस्याओं समाधान के समय कोई बिंदु अछूता न रहे ।साथ योजनाबद्ध तरीके से पिछले चैप्टर्स दोहराते रहें। इस क्रम में प्राय: प्रतिदिन सम्बंधित चैप्टर का श्री गणेश एक विद्यार्थी ही करता है और इस पर चर्चा, वार्तालाप, प्रस्तुतीकरण भी बच्चों के माध्यम से ही होता है। जिज्ञासा ने आज के प्रकरण की एक प्रश्न से शुरुआत की- " इससे पहले हम लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों और और ग्राम्य जीवन की समस्याओं पर चर्चा की थी ।इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हम सब आज शहरी क्षेत्रों और शहर के निवासियों की समस्याओं को जानने के लिए चर्चा करेंगे। हमारी कक्षा के भगत सिंह,आजाद, नेताजी और विवेकानन्द समूह में से आज मैं विवेकानन्द समूह को आमंत्रित करना चाहूंगी ।इस ग्रुप का कोई सदस्य इस प्रकरण पर अपने विचार प्रस्तुत करें।

आज के इस महत्त्वपूर्ण विषय पर विचार व्यक्त करने हेतु वकील ने अनुमति प्राप्त करने हेतु हाथ खड़ा किया। वकील सामान्य रूप से एक सौम्य और बेहद ही शांत रहने वाले विद्यार्थियों में से एक है। अपनी बात को सरलता, स्पष्टता और बड़ी ही गंभीरता से प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। उसने अपने विचारों को रखते हुए कहा-

हम सबकी ही पसंद, प्राथमिकताएं और समस्याएं आयु,स्थान और समय के अनुसार सतत् परिवर्तित होती रहती हैं। जो आज हमारी पसंद है बदली परिस्थिति में इसमें बदलाव संभव है। किसी विशेष समय में सामान्य सी चीज विशेष हो सकती है और विशेष सामान्य। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की समस्याएं अलग-अलग हैं। किसी समस्या को अलग-अलग लोग अलग-अलग रूपों में लेते हैं। कोई व्यक्ति के कोई चीज समस्या हो सकती है तो वह दूसरे के लिए अवसर भी हो सकती है। सामान्य रूप से शहरी क्षेत्रों में सुख-सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बेहतर होती है।इस संसार में हर जगह सुविधाएं और समस्याएं हैं जो बदलते समय के अनुसार बदलती रहती हैं।इस तथ्य से हम सब भली-भांति परिचित हैं कि परिवर्तन शाश्वत सत्य है। बेहतर और नियमित रोजगार, बेहतर शिक्षा और गांवों की तुलना में बेहतर सुख-सुविधाएं प्राप्त करने हेतु लोग ग्रामीण अंचलों से शहरों की ओर प्रवास करते हैं। शहरों में तेजी से बढ़ती इस जनसंख्या के विविध समस्याएं जन्म लेती हैं। शहरों में पाई जाने वाली मलिन बस्तियों में बेहद खराब हालात देखने को मिलते हैं।लोग अस्वास्थ्यकर परस्थितियों में जीवन बिताने के लिए मजबूर हैं।

अब मैं चाहूंगा कि हमारी आकांक्षा बहन कुछ और जानकारी दें।"

वकील के बैठने के आकांक्षा ने अपने विचार साझा करते हुए बताया-" शहर में आवागमन के साधन ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बेहतर हैं। लोगों के कार्यक्षेत्र उनके आवास से दूर होने के कारण सुबह और शाम के परिवहन सार्वजनिक साधनों में भीड़भाड़ बहुत अधिक हो जाती है। लोगों के द्वारा बड़ी संख्या में निजी वाहनों का उपयोग करने के कारण सड़कों पर जाम, बढ़ते वाहनों से ध्वनि और वायु प्रदूषण सीमाएं लांघते हुए श्वसन तंत्र के रोग, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसे रोग लोगों में बढ़ रहे हैं।इन समस्याओं के कारण लोगों की कार्य क्षमता घट रही है। स्वास्थ्य समस्याओं के विकट होने कारण अस्पताल में एक बड़ी भीड़ उमड़ती है। लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पाता।हम सब देखते कि संख्या अधिक होने के कारण विद्यालयों में प्रवेश के समय बहुत से विद्यार्थी और उनके अभिभावक परेशान घूमते हैं।

कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने के शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर अपेक्षा से काफी नीचा रहता है।निम्न गुणवत्ता की शिक्षा जन जागरूकता में कमी का प्रमुख कारण है। जिसके प्रभाव से बाल अपराधों में वृद्धि,नशे की प्रवृत्ति, कानून व्यवस्था के प्रति असम्मान की समस्याएं देखी जा रही हैं। अनियमित और मौसमी श्रमिक फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं। रोजगार की अनियमितता के सड़कों के फुटपाथ रेहड़ी पटरी वालों के अतिक्रमण का शिकार होते हैं। सड़कों पर बढ़ते वाहनों से सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में संपत्ति और जीवन की क्षति होती है। लोगों की घटती धैर्यशीलता के कारण झगड़े होने की घटनाएं बढ़ी हैं। सरकार के प्रयासों के बावजूद स्वच्छता का अभाव बढ़ती जनसंख्या और जन जागरूकता के अभाव को इंगित करता है।"

आकांक्षा की बात समाप्त होने पर जिज्ञासा ने अपने विचार साझा करने के लिए वकील और आकांक्षा का धन्यवाद करते हुए अगली कक्षा में बेहतर समाज हेतु इन समस्याओं के समाधान हेतु सरकार की योजनाओं, विद्यार्थियों की इसमें जिम्मेदारी और जन जागरूकता के बारे चर्चा करने की बात रखी।


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