Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Kamini sajal Soni

Abstract

4.5  

Kamini sajal Soni

Abstract

शीर्षक - अतृप्त इच्छा

शीर्षक - अतृप्त इच्छा

2 mins
23.2K


मां ! मैं पड़ोस में शादी के प्रोग्राम में जा रही हूं आप अपना ख्याल रखना।

बड़ी बहू नैना ने कहा

लाजवंती देखते ही रह गई एकटक अपनी बहू को ऊपर से लेकर नीचे तक कितनी सुंदर लग रही थी लाल सुर्ख जोड़े में लाली काजल बिंदी लगाकर श्रृंगार किए हुए।

एकदम खिले हुए सुंदर फूलों की तरह उसका रूप खिल उठा था ।

ठीक है ! जाओ

एकाएक उनके दिल में एक टीस सी उठने लगीऔर लाजवंती अपने पुराने दिनों की याद में खो गई।

अपने जमाने की सबसे खूबसूरत लड़की थी लाजो एक बार जो देखता मंत्रमुग्ध होकर देखता ही रह जाता रग रग में खूबसूरती बसी थी।

पर कहते हैं ना !! खूबसूरती एक औरत की जिंदगी में अभिशाप बनकर आती है । लाजो के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ सजने संवरने पर बंदिशें लगा दी गई बिंदी काजल से दूरियां बना दी गई ।

समय बीतता गया कुछ समय पश्चात लाजो की शादी हुई बला की खूबसूरत लग रही थी दुल्हन के जोड़े में।फिर वही कहानी ससुराल में भी बंदिशे लगा दी गई सजने संवरने पर।

एक हसरत ही रह गई दिल में लाजो के लाली सुरमा लगाकर तैयार होने की।

और अब तो इतनी उम्र हो गई कि नाती पोते भी आंगन में खेलने लगे चेहरे पर झुर्रियां हाथों में सिकुड़न पर दिल का क्या करें?

आज बहू को देखकर अतृप्त इच्छाओं ने जोर पकड़ लिया और लाजो चल पड़ी अपनी अतृप्त इच्छा को पूरी करने सजने संवरने के लिए बहू के कमरे की ओर

जैसे खिले हुए फूलों को देख कर तितली का मन मचल उठता है उसका रस पीने के लिए ऐसे ही आज लाजो का अतृप्त मन मचल उठा था।


Rate this content
Log in

More hindi story from Kamini sajal Soni

Similar hindi story from Abstract