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Priyanka Gupta

Abstract Drama Inspirational

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Priyanka Gupta

Abstract Drama Inspirational

सेनिटरी पैड्स

सेनिटरी पैड्स

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"अरे लड़की ,कहाँ जा रही है ? तुझे पता नहीं है कर्फ्यू लगा हुआ है, यहाँ हम अपनी जान हथेली पर लिए तुम लोगों के लिए दिन -रात एक किये हुए हैं और तुमसे चैन से घर में बैठा तक नहीं जाता।तुम्हारी गली में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, इसीलिए गली सील्ड है। क्या चाहिए ? ",पुलिस कांस्टेबल उस 15 -16 साल की लड़की को डाँटे जा रहा था। 

"अंकल ,कुछ जरूरी सामान खरीदना है। ",भरी गर्मी में शॉल को अपने चरों तरफ कसकर लपेटती हुई, उस लड़की ने कहा। 

"क्या जरूरी सामान लेना है ? मुझे बता दो ",पुलिस कांस्टेबल पूछे जा रहा था। 

"अंकल ,बहुत जरूरी सामान है।आपको नहीं बता सकती। ",लड़की ने धीरे से कहा। 

तब तक उसके साथ ही ड्यूटी कर रही महिला कांस्टेबल भी आ गयी थी। उसने पुरुष को वहाँ से जाने का इशारा किया। 

"क्या हुआ बेटा ?कहाँ जा रहे हो ?",महिला कांस्टेबल ने लड़की से पूछा। 

"दीदी ,सेनिटरी पैड्स लेने। अब पापा या भैया को बोलते तो शर्म आती है। आसपास की दुकानों पर मिलता भी नहीं। लॉक डाउन से पहले खरीदकर नहीं रखे थे। ",लड़की ने धीरे से कहा। 

महिला कांस्टेबल अब उसके शॉल लपेटने का कारण समझ गयी थी। तुम अपने घर जाओ और मैं अभी भिजवाती हूँ। 

महिला कांस्टेबल ने उसका एड्रेस नोट कर लिया और सेनेटरी पैड्स खरीदकर उसके घर खुद जाकर दे आयी। 

"हमने महिलाओं की इस समस्या के बारे में तो सोचा ही नहीं। उन्हें पैड्स और गर्भनिरोधक की ज़रुरत हो सकती है। "महिला कांस्टेबल ने अपने आप से कहा। 

महिला कांस्टेबल ने अपने अधिकारीयों से बिना झिझक इस मुद्दे पर बात की और यह सुनिश्चित करवाया कि जिस भी एरिया को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया जाए, वहाँ अन्य जरूरी सामान के साथ सेनेटरी पैड्स और गर्भनिरोधक भी उपलब्ध करवाए जाएँ। 


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