Vibha Rani Shrivastava

Abstract

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Vibha Rani Shrivastava

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साध्याभिलापा

साध्याभिलापा

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भाद्रपद शुक्ल 3 विक्रम संवत् 2018

हरतालिका तीज, सरगही के पहले खेत से दिशा मैदान से निवृत होकर दादी बुआ के संग घर लौट रही थी। तभी बुआ जोर से चीखी "कौन ह रे? अरे तें•••,"

"कआऽ भ गइल बिटिया?"

"मुँहझौन्सा सरजूआ हमरा गला में हाथ डलस हिया!"

"दीदी जी मलकिनी के बुझे में कुछु धोखा भईल लागत बा!" पंचायत में सरजू अपने बेटे के सर पर हाथ रखकर किरिया खाते हुए साफ मुकर गया।

आश्विन कृष्ण 30 विक्रम संवत् 2018

हैजा होने से सरजू के उसी बेटे की मौत हो गयी। पंचायत में सरजू ने जिस बेटे के सर पर हाथ रखकर झूठी किरिया खा लिया था। गाँव वालों की बातों में सोलह आना ना सही कुछ तो सच्चाई हो सकती है!"

25 अगस्त 1974

घर में मछली बनी है। दादी, अभियंता पोता और आठवीं में पढ़ती नतनी खाने बैठे। पोता ने नतनी को दूसरे खण्ड के आँगन के चापाकल से पानी लाने को कहा। नतनी वर्षा और अन्धेरा की वजह से डर रही थी। लालटेन तेज हवा बर्दाश्त नहीं कर रही थी। पोता के बहुत डाँटने पर गयी और जोर से चीख पड़ी,"भैया!" उसका पूरा शरीर काँप रहा था क्योंकि भुजंग,पूरे शरीर पर तेल पोते, लाल लंगोट पहने, बिजली चमकने पर श्वेत दंतपँक्ति चमकते, भयावह कद काठीवाले का एक पैर-एक हाथ को आँगन की ओर किए चारदीवारी था। पकड़ा नहीं जा सका।

23 जून 1979

आज दादी के आठवें बेटे के बड़े बेटे की शादी है। चोरों के सरदारों को पहरेदारी पर लगा लिया गया है। कुँआ के पानी का प्रयोग खेती के लिए हो रहा है। उनसे उसमें भी सहायता मिल रही है।

4 दिसम्बर 2021

"छत पर पानी की टंकी, बाथरुम में नल-गीजर, चौके में ठंढ़ा-गरम जल का नल, भोजन के मेज के पास बेसिन अरे वाह भाभी! कितना तरक्की हो गया! एक ज़माना था जब नाना इसी गाँव में पाँच या छ कुँआ खोदवाये थे। आज माँ-नानी होती तो कितना खुश होती।" फुफेरी दीदी का कहा दो हजार रुपयावाला सच है।


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