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Vibha Rani Shrivastava

Others

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Vibha Rani Shrivastava

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मेड़कटवा

मेड़कटवा

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"तुमने सुना, मुन्ना ने चाचा को डंडे से पीटा और दीवाल पर ढ़केल दिया। सर में गुमड़ निकल गया है।"

इस सूचना से मुझे स्तब्धता होनी चाहिए थी क्या•••! बिलकुल नहीं होनी चाहिए थी। यादों के गुफा में बहुत दंश छुपा हुआ था। चाची अपने बच्चों को बचपन से हथियार की तरह तैयार कर रही थीं। हमारा संयुक्त परिवार था। चाचा की जब शादी हुई तो चाचा ससुराल के गाँव के किनारे नहीं जाते थे। कुछ सालों में ऐसा हुआ कि केवल ससुराल के होकर रह गये। चाची शहर में पली हैं तो अन्य बड़ी माँ, माँ से तुलना में श्रेष्ठ समझी जातीं। गृहस्थी के सामान्य कार्य में सहयोग नहीं लिया जाता। चाची की पढ़ाई चलती रहती रहती लेकिन कोई मंजिल नहीं मिला। चाची को शिकायत थी कि महानगर में बसी होतीं तो सफल होती। अच्छे बड़े शहर में भी होती तो चलता। चाची शादी के बाद उस संयुक्त परिवार में बिना सर पर पल्ला रखे जेठ लोगों के संग बहस कर लेतीं जबकि उनकी जेठानियों की परछाई जेठ के सामने से नहीं गुजरती।चाची को बच्चे हुए तो वे ननिहाल को जानते थे। मामा मौसी नानी इतने ही रिश्ते पहचाते थे।

दादा-दादी के पास नहीं आते थे कि दाल-सब्जी तो ठीक है गाँव का चावल मोटा होता है, शहरी बच्चे हैं ठीक से खा नहीं सकते हैं। समय के साथ गाँव में चावल के किस्म में बदलाव होता गया। 

उनके बच्चे पढ़ने में बहुत होशियार हैं, यहाँ उनके स्तर का कोई नहीं मिलता है। अन्य बच्चे अपनी-अपनी मंजिल पाते गये। उनकी तुलना में बीस ही साबित हुए।

चाचा-चाची के नजरों से सबसे ज्यादा होशियार मुन्ना घर में सबका दुलारा। मुन्ना की शादी सफल नहीं हुई कि उसे अपने पिता के बनाए मकान में रहना और उनके पेंशन पर मौज मस्ती से जीवन गुजर-बसर करना था। फिर ऐसा क्यों•••!


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